कॉरपोरेट जगत भी अण्णा, नेताओं को खुला पत्र

कॉरपोरेट जगत की प्रमुख हस्तियों ने देश के कर्णधारों को एक और खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि बड़े स्तर का भ्रष्टाचार तो नया लोकपाल बिल सुलझा सकता है। लेकिन उस भ्रष्टाचार का क्या होगा, जिससे आम आदमी को रोज-ब-रोज के जीवन में झेलना पड़ता है। तीन पन्नों का यह खुला पत्र उद्योग जगत के 14 दिग्गजों की तरफ से लिखा गया है। इसे 3 अक्टूबर को भी भेजा गया था। लेकिन मीडिया के सामने सोमवार, 10 अक्टूबर को जारी किया गया। इससे पहले इसी साल 17 जनवरी को इन लोगों ने अपना पहला खुला पत्र लिखा था जिसमें सरकार से कामकाज में सुधार की अपील की गई थी।

नए पत्र में मांग की गई है कि देश को तत्काल भूमि, न्यायिक, चुनाव और पुलिस सुधारों की जरूरत है। आम लोगों की शिकायतों को दूर करने की चौकस व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही ऐसे उपाय किए जाने चाहिए जिससे देश का आर्थिक माहौल बेहतर हो और निवेश के लिए माकूल परिवेश बन सके। हालांकि कॉरपोरेट जगत के इन प्रतिनिधियों ने भरोसा जताया है कि अगर देश के चुने हुए नेतागण मिल-जुलकर समय की मांग को समझते हुए फौरन कदम उठाएं तो देश में एक सकारात्मक बदलाव लाया सकता है।

यह खुला पत्र लिखनेवालों में जमशेद गोदरेज, बिमल जालान, केशब महिंद्रा, दीपक पारेख, एन वघुल, नचिकेत मोर अनु आगा, येज्दी मालेगाम, ए वैद्यानाथन, प्रो. एम नरसिंहम, डॉ. अशोक गांगुली, जस्टिस सैम वरियावा, जस्टिस बी एन श्रीकृष्णा और अजीम प्रेमजी शामिल हैं। इन लोगों ने अपने पत्र में कॉरपोरेट गवर्नेंस में आ रही गिरावट, बढ़ते भ्रष्टाचार के मामलों और पर्यावरण से जुड़ी कड़ी चुनौतियों पर चिंता जाहिर की है।

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