6-7% मोबाइल ग्राहक ही बदलेंगे ऑपरेटर

देश भर में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) सेवाओं के शुरू होने के बाद करीब 6 से 7 फीसदी मोबाइल ग्राहक अपना ऑपरेटर बदल सकते हैं। विश्लेषकों ने यह राय जाहिर करते हुए कहा कि कुछ माह बाद ऑपरेटर बदलने का आंकड़ा स्थिर हो जाएगा।

अनर्स्ट एंड यंग के पार्टनर और दूरसंचार उद्योग के विशेषज्ञ प्रशांत सिंघल ने समाचार एजेंसी ‘प्रेट्र’ से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘पहले तीन से छह माह के दौरान ऑपरेटर बदलने का आंकड़ा अभी के चार फीसदी के स्तर से 6-7 फीसदी पर पहुंच सकता है। पर बाद में यह दर स्थिर हो जाएगा। जो भी लोग ऑपरेटर बदलना चाहते हैं, वे पहले कुछ माह के दौरान ही इस सेवा का लाभ लेंगे।’’

केपीएमजी के दूरसंचार प्रमुख रोमल शेट्टी ने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि एमएनपी का खास असर पड़ेगा। यदि लोगों को नेटवर्क के कवरेज, सेवाओं की गुणवत्ता या कस्टमर केयर जैसी सुविधाओं में कुछ खामी मिलेगी, तभी वे आपरेटर बदलेंगे। दरों को लेकर ग्राहक ऑपरेटर नहीं बदलेंगे, क्योंकि आज लगभग सभी कंपनियां एक जैसी दर योजनाएं दे रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि 3जी सेवाओं या मूल्यवर्धित सेवाओं (वैस) के आधार पर ऑपरेटर अपने को दूसरे से बेहतर साबित करेंगे। ऐसे लोग जो 3जी सेवा चाहते हैं, वे उस ऑपरेटर की ओर जाएंगे, जो 3जी सेवाएं दे रहा है।

गार्टनर के प्रमुख शोध विश्लेषक कमलेश भाटिया का मानना है कि इस सेवा के बाद बड़े ऑपरेटर लाभ की स्थिति में रह सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि एमएनपी से दूरसंचार ऑपरेटरों की आमदनी पर खास असर नहीं पड़ेगा। हालांकि यदि ज्यादा खर्च करने वाले ग्राहक ऑपरेटर बदलने का फैसला करते हैं तो इसका असर पड़ सकता है।

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