केंद्र सरकार ने इस बात से इनकार किया है कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में उसके सभी अनुषंगी बैंकों के विलय करने का निर्णय ले लिया गया है। वित्त राज्यमंत्री नमो नारायण मीणा ने मंगलवार को लेफ्ट सांसद डी राजा के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार की मौजूदा नीति के तहत एकीकरण के लिए बैंकों के प्रबंधन की ओर से पहल करनी होती है।
उन्होंने हालांकि कहा कि विलय के किसी भी प्रस्ताव पर विचार करते समय सरकार संबंधित बैंकों के शेयरधारकों और उनके कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखती है। मीणा ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि सरकारी क्षेत्र के बैंकों की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में मामूली वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2010 तक यह 2.27 फीसदी थी जो 31 मार्च 2011 को बढ़कर 2.31 फीसदी हो गई।
उन्होंने कहा कि इस साल मार्च के अंत तक सरकारी क्षेत्र के बैंकों का एनपीए 71,047 करोड़ रुपए हो गया था। उन्होंने बताया कि एनपीए में कमी लाने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं।