कोई सर्वज्ञ नहीं होता। न ही किसी से सर्वज्ञ होने की उम्मीद की जा सकती है। लेकिन सत्यवादी परम्परा के भारत जैसे देश के प्रधानमंत्री से यह उम्मीद तो की ही जा सकती है कि वे देश से जुड़े मसलों पर झूठ नहीं बोलेंगे। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सत्ता का ऐसा नशा चढ़ गया है कि वे कुछ भी अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दावा किया, “कृषि भारत की आर्थिक नीति के केंद्र में है। यहां करीब 90% परिवार ऐसे हैं जिनके पास बहुत कम ज़मीन है। ये छोटे किसान ही भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं।” इससे बड़ा झूठ कुछ हो नहीं सकता। गांव व किसान से जुड़ा देश का हर व्यक्ति जानता है कि बहुत कम ज़मीन वाले ऐसे 90% किसान किसी तरह अपना भरण-पोषण करते हैं। बहुत हुआ तो वे अपने परिवार के खाने भर का अनाज पैदा कर पाते हैं। इसलिए वे देश की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ा ताकत कैसे हो सकते हैं? खाद्य सुरक्षा की ताकत देश के वे 10% किसान हैं जो अपनी ज़रूरत से ऊपर अनाज पैदा करके बाज़ार में पहुंचाते हैं। उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिलता तो उनके लिए खेती लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही है। वे सालों-साल से अपनी फसल के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार सुन नहीं रही। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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