हम लूली-लंगड़ी सूचनाओं के आधार पर विचार फेंकने के आदी हो गए हैं। लेकिन यूं ‘ज्ञान’ बघारना विशुद्ध आत्ममुग्धता है। अरे! समाचार व सूचनाओं को तो खुलकर आने दो, विचार अपने-आप बन जाएंगे।
2011-02-18
हम लूली-लंगड़ी सूचनाओं के आधार पर विचार फेंकने के आदी हो गए हैं। लेकिन यूं ‘ज्ञान’ बघारना विशुद्ध आत्ममुग्धता है। अरे! समाचार व सूचनाओं को तो खुलकर आने दो, विचार अपने-आप बन जाएंगे।
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