देश डूबता ऋण में, जनता करे त्राहिमाम!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय दस साल की सबसे लम्बी विदेश यात्रा पर निकले हैं। 2 से 9 जुलाई तक आठ दिन में पांच देशों की यात्रा। मोदी मई 2014 में सत्ता संभालने के बाद अब तक 77 देशों की 90 यात्राएं कर चुके हैं। यह एक रिकॉर्ड हैं। इनमें से हर यात्रा पर लाखों डॉलर खर्च हुए होंगे। इनसे देश को मिला कुछ नहीं, बल्कि कर्ज बढ़ता गया। 2014 में भारत सरकार पर विदेशी व घरेलू ऋण समेत कुल कर्ज ₹55.87 लाख करोड़ था। यह मार्च 2025 तक 11 साल में 3.25 गुना बढ़कर ₹181.74 लाख के पार जा चुका है। यही नहीं, मार्च 2026 तक इसके 8.28% बढ़कर ₹196.79 लाख करोड़ हो जाने का अनुमान है। यह डेटा व अनुमान किसी और का नहीं, बल्कि खुद भारत सरकार का है जिसे इस बार 2025-26 की बजट प्राप्तियों में पेज नंबर 53 पर दिया गया है। रिजर्व बैंक की एक और रिपोर्ट आई है जिसके मुताबिक देश पर चढ़ा विदेशी ऋण मार्च 2024 के 663.8 अरब डॉलर से 10.92% बढ़कर मार्च 2025 के अंत 736.3 अरब डॉलर हो गया है। इससे साल भर पहले देश का विदेशी ऋण 6.36% बढ़ा था। साफ है कि भारत सरकार का अंदर और बाहर से लिया गया कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। यही नहीं, देश की जनता भी घटती आमदनी और बढ़ते कर्ज से त्राहिमाम कर रही है। अब सोमवार का व्योम…

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