एफआईआई रिलायंस से दूर, पर खिंचे एलआईसी, फ्रैंकलिन, आम निवेशक

एक तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के शेयरों में गिरावट के दौर में एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) और घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) ने अप्रैल से जून 2011 के बीच कंपनी में अपना निवेश घटा दिया है, वहीं एलआईसी और फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन इनवेस्टमेंट फंड ने धारा के खिलाफ चलते हुए कंपनी में अपना निवेश बढ़ा दिया है। साथ ही इस दौरान कंपनी के साथ करीब 17,000 नए रिटेल निवेशक जुड़ गए हैं।

मुकेश अंबानी के मालिकाने और बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी आरआईएल ने स्टॉक एक्सचेंजों को भेजे गए ताजा शेयरधारिता पैटर्न में बताया है कि 30 जून 2011 तक उसकी इक्विटी में एफआईआई का निवेश 17.37 फीसदी है, जबकि 31 मार्च 2011 को यह 17.70 फीसदी थी। इस दरम्यान डीआईआई का निवेश भी 10.79 फीसदी से घटकर 10.78 फीसदी हो गया है। लेकिन इसी दौरान एलआईसी और फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन फंड ने कंपनी के करीब 23 लाख नए शेयर खरीद लिए हैं। इनका मूल्य लगभग 200 करोड़ रुपए बनता है।

31 मार्च 2011 तक एलआईसी के पास रिलायंस इंडस्ट्रीज की 7.10 फीसदी इक्विटी (23,24,95,218 शेयर) थी। 30 जून 2011 तक यह बढ़कर 7.16 फीसदी (23,43,55,300 शेयर) हो गई। इस तरह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एलआईसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के 18,60,082 नए शेयर खरीदे हैं। इसी तरह इन तीन महीनों में कंपनी में फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन फंड ने अपनी हिस्सेदारी 1.04 फीसदी से बढ़ाकर 1.05 फीसदी कर दी है। इस दौरान उसने कंपनी के 4,29,100 नए शेयर खरीद डाले।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1 अप्रैल 2011 को 1035.30 रुपए पर था, जबकि 30 जून 2011 को इसका बंद भाव 897.60 रुपए रहा है। इस दरम्यान 20 जून को यह 829 रुपए का न्यूनतम स्तर भी पकड़ चुका है। कुल मिलाकर पहली तिमाही में रिलांयस का शेयर 13.3 फीसदी गिर चुका है। इसके बाद भी यह गिरता रहा है। सोमवार, 18 जुलाई को बीएसई में इसका बंद भाव 867.10 रुपए रहा है। इससे हिसाब लगाएं तो एलआईसी ने कंपनी के स्टॉक्स में करीब 161 करोड़ रुपए और फ्रैंकलिन टेम्प्लेटन फंड ने 37 करोड़ रुपए नए लगाए हैं।

वैसे रिलायंस में सभी म्यूचुअल फंडों का निवेश जून तिमाही में 2.59 फीसदी से घटकर 2.53 फीसदी पर आ गया है। लेकिन एलआईसी की कृपा के चलते बीमा कंपनियों का निवेश मार्च 2011 के 7.87 फीसदी से बढ़कर 7.93 फीसदी हो गया है। इस दौरान कंपनी के साथ 17,063 नए शेयरधारक जुड़ गए हैं। 31 मार्च 2011 को उसके कुल शेयरधारकों की संख्या 35,22,118 थी, जबकि 30 जून 2011 तक यह बढ़कर 35,39,281 लाख हो गई है।

नोट करने की बात है कि रिलायंस से जो नए 17,063 शेयरधारक जुड़े हैं, उनमें से 16,697 शेयरधारकों का निवेश एक लाख रुपए से कम का है। यानी, माना जा सकता है कि वे रिटेल या आम निवेशक हैं। 31 मार्च 2011 तक कंपनी में एक लाख रुपए से कम के निवेश वाले शेयरधारकों की संख्या 34,65,353 थी, जबकि 30 जून 2011 को यह संख्या 34,82,050 रही है। बता दें कि शेयरधारकों की संख्या के लिहाज से भी रिलांयस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *