देश में आर्थिक विकास का दस साल से बनाया गया तिलिस्म धीरे-धीरे टूट रहा है। अक्टूबर महीने में भले ही त्योहारी सीजन की बिक्री की वजह से जीएसटी संग्रह 8.9% बढ़ गया हो, लेकिन सितंबर में यह 6.5% ही बढ़ा था जो पिछले 40 महीनों का न्यूनतम स्तर था। इसी तरह देश का व्यापार घाटा सितंबर में साल भर पहले के 20.08 अरब डॉलर से बढ़कर 20.78 अरब डॉलर हो गया। यह अगस्त में 29.65 अरब डॉलर था, जो दस महीनों का सर्वाधिक था। देश के जीडीपी की विकास दर जून तिमाही में 7.8% से घटकर 6.7% पर आ चुकी है। सितंबर तिमाही का डेटा 29 नवंबर को आएगा इसमें कमी आने का पूरा अंदेशा है। कोयला, पेट्रोलियम तेल व बिजली जैसै आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अगस्त में तीन सालों में पहली बार ऋणात्मक रहा है। देश में समृद्धि को दर्शाने वाली कारों की बिक्री सितंबर में साल भर से 19% कम रही। प्रमुख कार निर्माताओं के मुताबिक अक्टूबर में होंडा की कारों की बिक्री 23%, मारुति की 5%, ह्युंडई मोटर की 2% और टाटा मोटर्स की मामूली घटी है, जबकि कम आधार के कारण महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री 25% बढ़ गई। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...