क्या विकसित देश का मतलब जीडीपी बढ़ जाना ही होता है? नहीं, इसका वास्ता सकल जीडीपी से नहीं, बल्कि प्रति व्यक्ति जीडीपी या आय से है। विश्व बैंक के मुताबिक विकसित देश की प्रति व्यक्ति आय 13,846 डॉलर से ज्यादा होनी चाहिए। भारत की प्रति व्यक्ति आय इस साल के अंत तक 2396 डॉलर हो सकती है। जाहिर है कि विकसित देश बनने तक भारत का फासला बहुत लम्बा है। लेकिन क्या प्रति व्यक्ति आय हासिल करने से भी देश विकसित बन जाएगा? क्या इससे व्यापक अवाम को बुनियादी सुविधाएं और अच्छा काम-धंधा मिल जाएगा? आम लोग पूछ सकते हैं कि क्या विकसित देश बन जाने पर बसें टाइम पर आने लगेंगी? क्या सड़क या रेल से सफर सुरक्षित हो जाएगा? क्या अफसर और राजनेता जवाबदेह हो जाएंगे? क्या हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा की गारंटी हो जाएगी? क्या हम सभी को उन्नत व किफायदी स्वास्थ्य सेवाएं मिलने लगेंगी? क्या सरकार में भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा? क्या किसान को फसल व मजदूर को मेहनत का वाजिब दाम और छोटे बिजनेस को ग्राहक मिलने लगेंगे? क्या असहाय युवक-युवतियों की खुदकुशी और हमारी श्रेष्ठतम प्रतिभाओं का विदेशों में पलायन रुक जाएगा? क्या महिलाओं व बच्चों का दमन रुक जाएगा? क्या शेयर बाज़ार में निवेशकों का छला जाना बंद हो जाएगा? अब शुक्रवार का अभ्यास…
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