शेयरों में निवेश करो और भूल जाओ। यह मंत्र उनके लिए है जिनके पास इफरात धन है। लेकिन जो निवेशक अपनी भावी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए शेयरों में अपनी बचत लगाने का जोखिम उठाते हैं, उनके लिए निवेश करो और भूल जाओ की यह सोच विशुद्ध विलासिता है। उन्हें ज़रूरत पड़ने या लक्ष्य पूरा होने पर शेयरों को बेचकर मुनाफा निकालते रहना चाहिए। इससे वे किसी वजह से अचानक शेयरों के गिरने के नुकसान से बच जाएंगे। साथ ही अगर बेचने के बाद भी कोई शेयर बढ़ता रहे तो दिल छोटा नहीं करना चाहिए। मेरे एक मित्र हैं। उन्होंने बीएसई के 50 शेयर मार्च-अप्रैल 2023 में तब खरीदे थे, जब वो ₹425 से 500 की रेंज में डोल रहा था। छह महीने बाद नवंबर में जब वो शेयर ₹2100 के आसपास पहुंचा तो चार गुना फायदा कमाकर निकल लिए। लेकिन वही शेयर अब 4500 के पार जा चुका है तो रो रहे हैं। ल्यूपिन ने भी उन्हें खूब रुलाया। अप्रैल 2021 में 1100 की रेंज में खरीदा था। सवा दो साल बाद ₹950 पर बेचकर घाटा खा लिया। लेकिन वही शेयर सितंबर 2024 में ₹2300 तक चला गया। इस पर रोने का नहीं। यही शेयर बाज़ार का स्वभाव है। निवेश को ज़रूरत से जोड़े और ज़रूरत पड़ने पर बेचते रहें। अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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