निवेश की दुनिया में अब तक के सफलतम शख्स हैं वारेन बफेट। दस दिन पहले 30 अगस्त 2024 को ही वे 94 साल के हुए हैं। इसके दो दिन पहले उनकी निवेश फर्म बर्कशायर हैथवे का बाज़ार पूंजीकरण एक ट्रिलियन या एक लाख डॉलर तक पहुंच गया। यह रकम कितनी बड़ी है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत जैसी दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था का आकार अभी 3.7 ट्रिलियन डॉलर का है जिसे तीन साल में 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। बफेट ने अपने जन्मदिन पर निवेशकों को अनोखा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि निवेश से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है अपनी पसंद का काम-धंधा या रोज़ी-रोज़गार। उनका कहना था, “अगर आपको धन की ज़रूरत नहीं है तो आपको वो काम पकड़ लेना चाहिए जो आप करना चाहते हैं।” भारत के संदर्भ में बफेट की यह बात बड़ी अहम है। यहां करोडों के पास कायदे का काम-धंधा नहीं। इनमें से तमाम लोग सोचते हैं कि शेयर बाज़ार में निवेश या ट्रेडिंग से भरपूर कमा सकते हैं। लेकिन हकीकत में ऐसे 90-95% लोग कमाते कम और गंवाते ज्यादा है। इसलिए देश में असली चुनौती है लोगों को कायदे का काम-धंधा उपलब्ध कराना। अब तथास्तु में एक काम की कंपनी…
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