सेबी ही नहीं, एनएसई का भी है एमसीएक्स से पंगा

एमसीएक्स स्टॉक एक्सचेंज गुरुवार को अपने खिलाफ सुनाए गए सेबी के आदेश पर अगले कदम की उधेड़बुन में लगा है। इस बीच शुक्रवार को सेबी चेयरमैन सी बी भावे ने इस बाबत पूछे गए सवाल पर कहा कि हर किसी को तय नियमों का पालन करना पड़ेगा। लेकिन एमसीएक्स-एसएक्स लगातार इक्विटी ट्रेडिंग की इजाजत न मिलने को सेबी द्वारा एनएसई को बचाने की कोशिश बताता रहा है। जवाब में एनएसई भी उसे नीचा दिखाने से बाज नहीं आता। पिछले दिनों एनएसई के सीईओ रवि नारायण और एमसीएक्स के प्रवर्तक जिग्नेश शाह की तनख्वाहों को लेकर मीडिया में अच्छी-खासी गहमागहमी रही।

हाल ही में जब सार्वजनिक बैंक प्रमुखों के वेतन को लेकर हो-हल्ला मचा था, उसी समय कुछ लोगों ने अखबारों के दफ्तरों में एनएसई के सीईओ व प्रबंध निदेशक रवि नारायण के सालाना वेतन को लेकर एनएसई की वार्षिक रिपोर्ट की कॉपी वितरित कर दी। इस कॉपी का वितरण रुका भी नहीं था कि एनएसई की तरफ से एमसीएक्स के प्रवर्तक जिग्नेश शाह के सालाना वेतन की कॉपी बांटी जाने लगी।

एनएसई के प्रबंधन निदेशक रवि नारायण का सालाना वेतन वित्त वर्ष 2009-10 में 6.6 करोड़ रुपए रहा है जबकि संयुक्त प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्णा का वेतन 4.4 करोड़ रुपए रहा है। रवि नारायण का वेतन दुनिया के कई स्टॉक एक्सचेंजों के प्रमुखों से ज्यादा है। जैसे लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ जेवियर रोल्ट का वेतन 4.68 करोड़ रुपए, हांगकांग एक्सचेंज के सीईओ का वेतन 4.78 करोड़ और बीएसई के सीईओ मधु कन्नन का 1.6 करोड़ रुपए है।

लेकिन वेतन के मामले में रवि नारायण पर भी भारी हैं एमसीएक्स के जिगनेश शाह। उनका वेतन वित्त वर्ष 2009-10 में 6.72 करोड़ रुपए की लाभांश आय समेत 16.45 करोड़ रुपए है। इसके ऊपर से जिग्नेश शाह के पास एक्सचेंज के लाखों शेयर अलग से हैं, जिनका वैल्यूएशन 1147 करोड़ रुपए बताया गया है। मजे की बात यह है कि जिग्नेश शाह के बारे में यह सब बातें एनएसई की तरफ से प्रचारित की गई हैं।

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