ट्रिल-ट्रिल ट्रिलियन, उड़े $1.06 ट्रिलियन

सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में मौजूदा मूल्यों पर जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान बढ़ाकर ₹331.03 लाख करोड़ कर दिया है। इसका पहला अग्रिम अनुमान ₹324.11 लाख करोड़ का था। इस समय डॉलर 87.36 रुपए का चल रहा है तो मुद्रास्फीति को जोड़कर हमारा जीडीपी मार्च 2025 तक 3.79 ट्रिलियन डॉलर का होगा। इस बीच पिछले तीन साल से प्रधानमंत्री देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर और उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अपने राज्यों की अर्थव्यवस्था को एक-एक ट्रिलियन का बनाने का खेल खेले जा रहे हैं। लेकिन उनके देखते ही देखते पिछले पांच महीने में हमारे शेयर बाजार के निवेशकों के ₹92.17 लाख करोड़ यानी 1.06 ट्रिलियन डॉलर स्वाहा हो गए। 27 सितंबर 2024 को एनएसई का बाज़ार पूंजीकरण ₹473.84 लाख करोड़ था, जबकि 28 फरवरी 2025 तक लगातार गिरते-गिरते यह ₹381.67 लाख करोड़ का हो गया। 1996 से लेकर अब तक 29 सालों में यह शेयर बाज़ार में महीनों तक खिंची सबसे तगड़ी गिरावट है। आखिर भारतीय शेयर बाज़ार में यह प्रलय क्यों? अब सोमवार का व्योम…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field