मोदी सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही सब कुछ हैं। उनके मंत्रियों-संत्रियों के लिए तो ‘भज गोविंदम’ यही है कि मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई। लेकिन मोदी का जादू धीरे-धीरे टूट रहा है। फिर भी तिलिस्म के दो सूत्र अभी तक धमाल मचाए हुए हैं। एक यह कि दुनिया भर में मोदी का डंका बज रहा है और उन्होंने भारत का बड़ा नाम किया है। गांवों से लेकर शहरों व महानगरों तक तमाम बड़े-बूढ़े इसी बात पर उनके मुरीद बने हुए हैं। दूसरा यह कि मोदी ने देश के जीडीपी को चमका दिया है। असल में मोदी सरकार ने जीडीपी को देश की आर्थिक प्रगति का पर्याय बना दिया है। मई 2014 में सत्ता संभालने के साथ ही इसने जीडीपी की गणना में ऐसा खेल शुरू किया कि अर्थव्यवस्था की ज़मीनी हकीकत और जीडीपी के आंकड़ों का फासला बढ़ता चला गया। फिर भी मोदी सरकार के अब तक के दस साल में हमारे जीडीपी की औसत सालाना विकास दर 6.4% रही है, जबकि इससे ठीक पहले मनमोहन सरकार के दस साल में जीडीपी की औसत सालाना विकास दर 7.4% ऱही थी। लेकिन मनमोहन सरकार ने कभी भी जीडीपी का राग नहीं अलापा, जबकि मोदी सरकार ने जीडीपी को मार्केटिंग का प्रमुख औजार बना दिया है। उसका यह तिलिस्म भी तोड़ना अब बेहद ज़रूरी हो गया है। अब सोमवार का व्योम…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...