आज जब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी ताकत की धौंस दिखाकर लैटिन अमेरिका व यूरोप से लेकर एशिया तक के देशों को व्यापार युद्ध में धकेल दिया है, तब भारत को अर्थव्यवस्था के विकास की रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ेगा। हमें पता होना चाहिए कि अमेरिका ने पिछले साल 4.1 ट्रिलियन डॉलर के माल व सेवाओं का आयात किया था, जो दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के जीडीपी से भी ज्यादा है। इसलिए हम अमेरिका से पंगा नहीं ले सकते। अब हमें निर्यात आधारित विकास का मॉडल भी छोड़ना पड़ेगा क्योंकि हर बड़ा देश आज अपने बाज़ार को बचाने में लगा है। हमारी सबसे बड़ी ताकत है हमारा विशाल बाज़ार और विशाल युवा शक्ति। इन दोनों को मिलाकर भारत विकसित देश और दुनिया की महाशक्ति बन सकता है। लेकिन इसके लिए मेक-इन इंडिया नहीं, मेक-फॉर इंडिया की राह पर चलते हुए देश में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा। एप्पल भारत में बनाए तो अमेरिका को निर्यात करने के लिए नहीं, भारतीय बाज़ार में खपाने के लिए। डोनाल्ड ट्रम्प भी कह चुके हैं कि ऐसा करने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा। मौजूदा हालात में भारत को मैन्यूफैक्चरिंग का ग्लोबल हब बनाने के बजाय घरेलू मांग को बढ़ाने और पूरा करने पर ध्यान देना होगा। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...