देश में एक बार फिर विकसित भारत और ट्रिलियन-ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का राग बजना शुरू हो गया है। फर्क बस इतना है कि इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गेंद राज्यों के पाले में डालकर निश्चिंत हो गए हैं। उन्होंने खुद को नाम जपने तक सीमित कर लिया है। पिछले हफ्ते 103 रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण एक साथ किया और इन्हें अभी से विकसित भारत के अमृत भारत स्टेशन घोषित कर दिया। फिर शनिवार को नीति आयोग की दसवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कह दिया कि 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना राज्यों की ज़िम्मेदारी है। बैठक ‘विकसित राज्य के लिए विकसित भारत@2047’ विषय पर केंद्रित थी। इसमें भाजपा व उसके सहयोगी दलों के मुख्यमंत्रियों ने जमकर दावे किये। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि अगले 25 वर्षों में देश की विकास यात्रा का इंजन ओडिशा बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य 2047 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनीस ने राज्य को 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बना देने का दावा किया। इन दावों के बीच भारत की विकासगाथा कहीं गुम हो गई है। खोजते रहिए। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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