राजा चौपट हो तो सत्यमेव जयते के आदर्श वाले महान देश भारत को भी अंधेर नगरी बनने में देर नहीं लगती। आईएमएफ ने करीब डेढ़ महीने पहले 14 अप्रैल 2025 को जारी वर्ल्ड इकनॉमिक रिपोर्ट में अनुमान जताया था कि विश्व अर्थव्यवस्था की विकास दर घटकर कैलेंडर वर्ष 2025 में 2.8% और 2026 में 3% रह सकती है। इसी रिपोर्ट में कहा गया था कि कैलेंडर वर्ष 2025 या वित्त वर्ष 2025-26 में भारत का जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है जो जापान के अनुमानित जीडीपी 4.186 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा होगा। इस तरह भारत तब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। पहले कांग्रेस से भाजपा में आए फाइनेंस के प्रोफेसर गौरव बल्लभ ने 19 मई को एक लेख में ऐलान किया है, “भारत की अर्थव्यवस्था नॉमिनल स्तर पर 4.19 ट्रिलियन डॉलर की हो चुकी है और भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।” कमाल की बात यह है कि यही ऐलान कल नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्रमण्यम ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फेंस में कर दिया कि भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। किसी ने उसने पूछा नहीं कि जो साल भर बाद का प्रोजेक्शन है, वो आज का सच कैसे बन गया? यह दावा तो राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) तक नहीं कर रहा! अब सोमवार का व्योम…
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