इंडियन मेटल एंड फेरो एलॉयज (बीएसई कोड – 533047, एनएसई कोड – IMFA) देश में फेरोक्रोम की सबसे बड़ी निर्माता है। दुनिया में फेरो एलॉयज की सबसे बड़ी निर्माताओं में शुमार है। हमने अपने चक्री चमत्कार कॉलम में सबसे पहले इसका जिक्र इस साल मार्च में किया था। तब इसका 10 रुपए अंकित मूल्य का शेयर 560 रुपए के आसपास चल रहा था। अभी 729 रुपए पर है। इस बीच 4 मई को इसने 899.95 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर भी छुआ है।
कंपनी ने अपने सारे उत्पादों की कड़ी दर कड़ी जोड़ रखी है। उड़ीसा की सुकिंडा घाटी के जाजपुर जिले में क्रोम ओर का खनन करती है। साथ ही सिलिकॉन के इस्तेमाल होनेवाले कच्चे माल के लिए क्वार्ट्ज खदाने भी चलाती है। फेरो एलॉयज के उत्पादन में बिजली बहुत ज्यादा खपती है तो उसने 108 किलोवॉट का कोयला आधारित बिजली संयंत्र भी लगा रखा है। कंपनी के तरह-तरह के फेरो एलॉयज उत्पाद स्टील उद्योग में इस्तेमाल होते हैं।
उसके साथ दिक्कत यह रही है कि साल भर पहले सितंबर 2009 की तिमाही में कम बिक्री और ऊंची लागत के चलते उसके परिचालन लाभ मार्जिन (ओपीएम) को तगड़ी चपत लगी थी और वह घाटे में आ गई थी। लेकिन उसके बाद से लगातार संभल रही है। वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 622.22 करोड़ रुपए की आय पर 41.01 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया और उसका ओपीएम 22.86 फीसदी रहा। इसके बाद चालू वित्त वर्ष की जून 2010 की तिमाही में उसका ओपीएम 45.34 फीसदी हो गया है और उसने 244.45 करोड़ रुपए की आय पर 54.31 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। उसका ठीक पिछले बारह महीने (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 39.39 रुपए है और उसके शेयर 18.51 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहे हैं। उसके शेयर की बुक वैल्यू 251.05 रुपए है।
इस लिहाज से उसका शेयर सस्ता नहीं कहा जा सकता। लेकिन एक बात गांठ बांध लें कि किसी भी शेयर में निवेश कंपनी के वर्तमान के साथ ही भावी संभावनाओं के मद्देनजर किया जाता है। आईएमएफए में आगे की संभावना उज्ज्वल नजर आ रही हैं। कंपनी फेरोक्रोम की उत्पादन क्षमता में 40,000 टन का इजाफा कर रही है और यह काम अगले माह अक्टूबर तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। वह अपने इस्तेमाल के लिए बिजली उत्पादन की क्षमता बढ़ाकर 30 मेगावॉट करने जा रही है जिसमें नवंबर से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इधर फेरोक्रोम के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में भी काफी सुधार आया है।
आकलन है कि सितंबर 2010 की तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 60 करोड़ रुपए तक चला जाएगा और इस आधार पर उसका टीटीएम ईपीएस करीब 62.64 रुपए हो जाएगा। इस तरह सितंबर के नतीजों के अनुमान के हिसाब से मौजूदा भावों पर उसके शेयर का पी/ई अनुपात 11.6 आता है। अगर 18.51 के मौजूदा पी/ई अनुपात पर शेयर का भावी भाव निकालें तो वो 1150 रुपए के ऊपर चला जाता है। जाहिर है कि इस स्टॉक में संभावना है और इसमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित है।
कंपनी की कुल इक्विटी अभी मात्र 2.63 करोड़ रुपए है। इसका 54.94 फीसदी भाग प्रवर्तकों के पास है, जबकि एफआईआई के पास उसके मात्र 0.04 फीसदी शेयर हैं। लेकिन घरेलू संस्थाओं (डीआईआई) ने इसमें 12.01 फीसदी इक्विटी निवेश कर रखा है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 52,832 है।
अंत में बस इतनी-सी बात कि शेयरों में निवेश की टिप तो आपको अपने ब्रोकर से लेकर बिजनेस चैनलों और तमाम अन्य स्रोतों से मिल ही जाती है। लेकिन अर्थकाम सलाह देता है तो इसलिए कि आप निवेश करने से पहले कंपनी को अच्छी-तरह ठोंक-बजाकर देख लें। खुद परखें कि आपका रिस्क प्रोफाइल क्या है यानी आप किस हद तक जोखिम उठा सकते हैं। इसके बाद ही निवेश का फैसला करें क्योंकि शेयरों के निवेश और लॉटरी खेलने में जमीन-आसमान का फर्क है। हडबड़ी कतई न करें। जब भरोसा जम जाए तभी अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में लगाएं ताकि कंपनियों की मेहनत से हासिल समृद्धि में आप भी हिस्सेदार बन सकें। आपका दिन चहकता-बरसता रहे, यही ख्वाहिश और दुआ है हमारी।