आज की विडम्बना यह है कि सत्यमेव जयते के देश में सत्य ही निर्वासित हो गया है। सरकार, उसके मंत्री-संत्री, यहां तक कि प्रधानमंत्री तक खुलेआम बेधड़क झूठ बोलते हैं। जो उनके झूठ को पकड़ने की जुर्रत करते हैं, सरकार उन पर शिकंजा कस देती है। जो बहादुर अर्थशास्त्री सरकार से सच कहने का साहस करते हैं, उन्हें भी किसी न किसी रूप में दबा दिया जाता है। बजट के ठीक एक दिन पहले फ्रांस के बैंकिंग ग्रुप सोसिएट जेनराल ने एक नोट में कहा कि भारत में रोज़गार असल चुनौती है। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच साल में 4.1 करोड़ युवाओं को रोज़गार देने के लिए दो लाख करोड़ रुपए खर्च करने की घोषणा तो कर दी। लेकिन अगले ही दिन एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा कर दिया कि देश में रोज़गार की कोई समस्या नहीं है और 2014 से 2023 के दौरान देश में 12.5 करोड़ नए रोज़गार पैदा हुए हैं। ज़मीनी हकीकत कितनी त्रासद है कि मुंबई पुलिस में 1257 महिला कांस्टेबलों की भर्ती के लिए 28 साल तक की 1.11 लाख युवतियां आ धमकती हैं। मुंबई एयरपोर्ट में 2216 लोडर के लिए 25,000 से ज्यादा लोग पहुंच जाते हैं। सूरत में निजी कंपनी में 10 पदों के लिए 1800 लोग मारामारी करते हैं। लेकिन सरकार देखना नहीं चाहती। अब सोमवार का व्योम…
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