शेयर बाज़ार के निवेश में वही कंपनी अच्छा रिटर्न देती है जिसका बिजनेस सालों-साल तक बराबर बढ़ता रहे। लेकिन इसके साथ दो शर्तें जुड़ी हैं। पहली यह कि उसने धंधे में जितनी पूंजी लगाई है, उस पर अच्छा रिटर्न कमाती रहे और दूसरी यह कि वो जितना लाभ कमाए, उसका अच्छा हिस्सा धंधे पर ही निवेश करती रहे। हम आम जीवन में भी यही देखते हैं। कोई खूब कमाए, जमकर खर्च करे। लेकिन न बचाए, न ठीक से निवेश न करे तो धन-दौलत उड़ने में वक्त नहीं लगता। इसी तरह वही कंपनी अपने और निवेशकों के लिए लम्बे समय में दौलत बनाती है जिसका लगाई गई पूंजी पर रिटर्न (RoCE) अच्छा हो और वो अपने लाभ का बड़ा हिस्सा उधंधे को बढ़ाने में फिर लगा दे। मान लें कि किसी कंपनी ने ₹100 करोड़ की पूंजी लगा रखी है और इस पर 20% रिटर्न कमाती है तो टैक्स देने से पहले उसका लाभ ₹20 करोड़ हुआ। इसका आधा हिस्सा उसने फिर से धंधे में लगा दिया तो अगले साल उसकी पूंजी ₹110 करोड़ हो गई। इस पर 20% रिटर्न का मतलब हुआ कि उसका टैक्स-पूर्व लाभ ₹22 करोड़ हो गया। इस तरह खूब कमाने और लाभकारी निवेश करनेवाली कंपनी चक्रवृद्धि दर से बढ़ती जाती है। आज तथास्तु में पेश कर रहे हैं ऐसी ही एक कंपनी…
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