देश इस वक्त विषमता के विचित्र दौर से गुजर रहा है। एक तरफ जीडीपी बढ़ रहा है। दूसरी तरफ तीन-चौथाई से ज्यादा घरों की आय घटती जा रही है। लेकिन साथ ही भारतीयों का एक तबका विदेश में जाकर मौज-मस्ती करने पर जमकर खर्च कर रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी मार्च में खत्म वित्त वर्ष 2023-24 में विदेश में भारतीयों का खर्च अब तक के सर्वोच्च स्तर 31.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो साल भर पहले किए गए 27.1 अरब डॉलर से 17% ज्यादा है। यह तब हो रहा है जब सरकार ने अक्टूबर 2023 से ही विदेशी खर्च पर स्रोत पर टैक्स काटना (टीसीएस) शुरू कर दिया है। इस बार के 31.7 अरब डॉलर के खर्च में से अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर किया गया खर्च 17 अरब डॉलर रहा है। विदेशी खर्च में अंतरराष्ट्रीय यात्राओं पर किया गया खर्च 53.6% है, जो कोविड-19 महामारी के उभरने के पहले वित्त वर्ष 2019-20 में 37% हुआ करता था। लेकिन विदेश में शिक्षा पर भारतीयों पर किया जा रहा खर्च बराबर घट रहा है। वित्त वर्ष 2020-21 में विदेश में ली जाने वाली शिक्षा पर कुल विदेशी खर्च का 30% हिस्सा गया था। यह अगले साल 2021-22 में घटकर 26% रह गया। उस साल भारतीयों ने विदेशी शिक्षा पर 5.2 अरब डॉलर खर्च किए थे। यह खर्च 2022-23 में घटकर 3.4 अरब डॉलर रह गया। आखिर ये हो क्या रहा है? शिक्षा छोड़ मौज-मस्ती पर ज्यादा खर्च! अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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