इस समय ऊपर से नीचे तक देश का फ्रॉडकाल चल रहा है। जीडीपी डेटा में डिफ्लेटर के खेल और पीएमओ से जुड़े होने के नाम पर किरण पटेल, संजय शेरपुरिया व कश्मीरा पवार जैसे ठगों की करतूतों को अलग रखकर भी देखें तो वित्तीय जगत तक में फ्रॉड बढ़ता जा रहा है। लोकलसर्कल्स के एक ताजा सर्वे में 47% शहरी भारतीयों ने बताया कि वे खुद या उनके परिवार का कोई सदस्य पिछले तीन सालों में वित्तीय फ्रॉड का शिकार हुआ है। लोकसर्कल्स एक ऐसी संस्था है जिसके सदस्यों में गोदरेज इंडस्ट्रीज़ के नादिर गोदरेज, महिंद्रा एंड महिंद्रा के आनंद महिंद्रा और मारुति सुज़ुकी के आर.सी. भार्गव शामिल हैं। इसके सर्वे से पता चला है कि पिछले तीन सालों में जो लोग वित्तीय फ्रॉड के शिकार हुए हैं, उनमें से 43% के साथ क्रेडिट कार्ड और 30% के साथ यूपीआई ट्रांजैक्शन के ज़रिए फ्रॉड हुआ है। क्रेडिट कार्ड के फ्रॉड का शिकार हुए हर दो में से एक व्यक्ति को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय मर्चेंट्स और वेबसाइट्स ने चूना लगाया है। यूपीआई के फ्रॉड में दस में से चार लोगों के साथ कोई लिंक या क्यूआर कोड भेजकर धोखाधड़ी हुई है। इस सर्वे में देश के 302 ज़िलों में 23,000 से ज्यादा लोगों से बातचीत की गई। आखिर सरकार के घोषित अमृतकाल में ऊपर से नीचे तक फ्रॉड की बहार क्यों? अब शुक्रवार का अभ्यास…
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