भारतीय रेल ने देश में बायो-डीजल के चार संयंत्र लगाने की तैयारी की है। रेलवे की ओर से बायो-डीजल के लिए यह सबसे बड़ी पहल होगी जिसमें करीब 120 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दो बायो-डीजल कारखाने अगले दो साल में रायपुर और चेन्नई में स्थापित किए जाएंगे, जबकि अन्य दो संयंत्र इसके बाद स्थापित किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक संयंत्र की स्थापना पर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है और यह प्रतिदिन 30 टन डीजल का उत्पादन करेगा। बेकार तेल, चर्बीदार अम्ल और गैर-खाद्य वनस्पति तेल से पैदा किए जाने वाले बायो-डीजल को एचएसडी (हाई स्पीड डीजल) के साथ मिलाया जाएगा जिसका इस्तेमाल रेल के इंजन चलाने में किया जाएगा। जत्रोफा पौधे से भी बायो-डीजल बनाया जाता है जिसकी खेती तमिलमाडु से लेकर छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में काफी लोकप्रिय हो रही है।
अधिकारी ने कहा कि बायो-डीजल के इस्तेमाल से पेट्रोल-डीजल की खपत कुछ हद तक घटेगी। वहीं दूसरी ओर, पर्यावरण अनुकूल उपायों से रेलवे को प्रतिवर्ष हर कारखाने से दो करोड़ रुपए मूल्य का कार्बन क्रेडिट भी मिलेगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल सालाना 2.2 अरब लीटर डीजल की खपत करती है।