देश का साथ

देश कहां से कहां पहुंचता जा रहा है और हम वहीं के वहीं अपनी चौहद्दी में सिमटे हैं! देश का काम हमारे बगैर चल सकता है, लेकिन हमारा काम उसके बगैर नहीं। इसलिए दौड़कर देश का साथ पकड़ना जरूरी है।

1 Comment

  1. देश के साथ चलना है।

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