पांच पांडव जिन्होंने अभी तक पीटा सेंसेक्स को

बीएसई सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में पांच ऐसे हैं जिन्होंने चालू साल 2011 की पहली छमाही में बाजार को मात दी है। 3 जनवरी 2011 को बाजार में कारोबार के पहले दिन और छमाही के आखिरी दिन 30 जून 2011 को सेंसेक्स और इन शेयरों के बंद भाव के अंतर को देखकर साफ हो जाता है कि कैसे इन्होंने बाजार की दिशा से अलग हटकर बढ़त हासिल की है।

सेंसेक्स के ये पांच पांडव है – आईटीसी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस और हिंदुस्तान यूनिलीवर। सेंसेक्स 3 जनवरी को 20,561.05 अंक पर बंद हुआ था और 30 जून को 18,845.87 पर बंद हुआ। इस तरह पहली छमाही में सेंसेक्स में 8.34 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं इस दौरान आईटीसी 16.12 फीसदी (174.35 से 202.45 रुपए), भारती एयरटेल 11.69 फीसदी (359.35 से 401.35 रुपए), हिंदुस्तान यूनिलीवर 9.47 फीसदी (313.10 से 342.75 रुपए), एचडीएफसी बैंक 4.69 फीसदी (2390.50 से 2502.60 रुपए) और टीसीएस 1.79 फीसदी (1159.55 से 1180.35 रुपए) बढ़ा है।

जाहिरा तौर पर इन पांचों कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भी इसी अनुपात में बढ़ गया है। दूसरी तरफ रिलायंस, ओएनजीसी, इनफोसिस, एसबीआई और टाटा मोटर्स के बाजार पूंजीकरण में सबसे ज्यादा सेंध लगी है। इन पांच दिग्गजों के बाजार पूंजीकरण में साल की पहली छमाही में कुल मिलाकर 150,757 करोड़ रुपए की कमी आई है। सबसे ज्यादा चपत 51,154 करोड़ रुपए के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज को लगी। रिलायंस इस दरमियान 14.85 फीसदी घटकर 1054.15 से 897.60 रुपए पर आ गया। बता दें कि बाजार पूंजीकरण का मतलब शेयर के बाजार मूल्य और कुल जारी शेयरों की संख्या का गुणनफल होता है।

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