देश की औद्योगिक रफ्तार में आती कमी और डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय शेयर बाजार के बैरोमीटर, बीएसई-सेसेक्स की 30 में से 19 कंपनियों में सितंबर 2011 की तिमाही के दौरान अपना निवेश घटा है। जिन कंपनियों में एफआईआई का निवेश स्तर कम हुआ है, उनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) शामिल हैं।
बीएसई व एनएसई पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार जून से सितंबर 2011 के बीच एफआईआई ने जहां सेंसेक्स की 11 कंपनियों में निवेश घटाया है, वहीं 11 कंपनियों में निवेश बढ़ाया भी है। उन्होंने ने एक तरफ जहां हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और जिंदल स्टील एंड पावर, एसबीआई व दवा कंपनी सिप्ला में निवेश घटाया है, वहीं दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकॉर्प व बजाज ऑटो जैसी वाहन कंपनियों में अपनी शेयर हिस्सेदारी बढ़ाई है।
सीएनआई रिसर्च के सीएमडी किशोर ओस्तवाल का कहना है, “आर्थिक हालात और रुपए में कमजोरी की चिंता के कारण एफआईआई भारतीय कंपनियों में निवेश करने से हिचक रहे हैं।” बता दें कि इससे पहले जून तिमाही के दौरान एफआईआई ने सेंसेक्स की 16 कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी मामूली रूप से बढ़ाई थी, जबकि बाकी 14 कंपनियों में अपना निवेश घटाया था।