कोई आपकी तारीफ कर देता है तो कैसे फूल के कुप्पा हो जाते हो आप! फिर कैसे आपकी ऊर्जा बल्ले-बल्ले करने लगती है! यही दूसरों के साथ भी होता है। तारीफ के दो बोल उनका दिन संवार देते हैं, रंगत निखार देते हैं।
2010-11-11
कोई आपकी तारीफ कर देता है तो कैसे फूल के कुप्पा हो जाते हो आप! फिर कैसे आपकी ऊर्जा बल्ले-बल्ले करने लगती है! यही दूसरों के साथ भी होता है। तारीफ के दो बोल उनका दिन संवार देते हैं, रंगत निखार देते हैं।
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दो बोल प्यार के।
हम भी आपकी तारीफ करने की इच्छा रखते हैं और कर भी रहे हैं लेकिन कुछ विस्तार से लिखते तो और वाह वाह करते।
वाह वाह !
… वाह वाह !
… … वाह वाह !
… … … वाह वाह !
दो बोल आपके कहे अनुसार …
दो बोल एक्स्ट्रा हमारी तरफ़ से …
– राजेन्द्र स्वर्णकार