लो आ ही गई डंकन्स में चाल

डंकन्स इंडस्ट्रीज को सितंबर तिमाही के नजीते घोषित किए हुए पूरे तेरह दिन हो चुके हैं। 29 अक्टूबर को कंपनी ने बोर्ड बैठक के बाद स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया और यह सूचना सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध भी है कि 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में उसने 56.07 करोड़ रुपए की आय पर 9.93 करोड़ रुपए शुद्ध लाभ कमाया है। कोई भी इन नतीजों को देखकर जान सकता था कि इस तिमाही में उसका शुद्ध लाभ पूरे बीते वित्त वर्ष के शुद्ध लाभ 9.90 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। बीते साल की सितंबर तिमाही से तुलना करें तो उसका शुद्ध लाभ 72.4 फीसदी बढ़कर 5.76 करोड़ रुपए से 9.93 करोड़ रुपए पर पहुंचा है। यह हकीकत इसलिए भी नोट की जानी चाहिए थी क्योंकि मार्च व जून 2010 की तिमाहियों में उसे क्रमशः 4.74 करोड़ और 2.88 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

लेकिन किसी ने गौर नहीं किया। 29 अक्टूबर को दस रुपए अंकित मूल्य का यह शेयर थोड़ा गिरकर 16.55 रुपए पर बंद हुआ था। उसके बाद अगले कारोबारी दिन सोमवार 1 नवंबर को 4.83 फीसदी बढ़कर 17.35 पर बंद हुआ। अगले ही दिन गिरकर 16.75 रुपए पर आ गया। मेरी नजर 4 नवंबर को इस पर पड़ी थी। तब इसका बंद भाव 16.90 रुपए था, पर इसमें वोल्यूम महज 30,540 शेयरों का था। मैने कंपनी के शानदार नतीजे भी देखे। लेकिन मुझे लगा कि अगर मैं इसके बारे में आपको बताता हूं और शेयर यूं ही सुस्त पड़ा रहा तो आप भी गाली देंगे कि कहां लाकर फंसा दिया। इसलिए सोचा कि पहले देखूं, इसमे चाल आती है या नहीं, वोल्यूम बढ़ता है या नहीं।

इस हफ्ते सोमवार 8 नवंबर से इसमें सुगबुगाहट शुरू हो गई। अकेले बीएसई में 1.03 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। 9 नवंबर को कारोबार बढ़कर 1.93 लाख शेयरों का हो गया। कल 10 नवंबर को तो वाकई इसमें चाल आ गई और इसमें हुआ वोल्यूम 5.05 लाख शेयरों का रहा। शुक्रवार, 5 नवंबर को दीवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग में यह शेयर 17.45 रुपए पर बंद हुआ था। कल 19.70 रुपए पर बंद हुआ है। यानी, तीन दिनों में यह शेयर 12.89 फीसदी बढ़ गया है। मैंने 5 नवंबर को ही इसके बारे में लिख देता, बताता कि इसका टीटीएम ईपीएस 2.18 रुपए और यह शेयर अभी 7.75 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है तो आज इसका श्रेय लेते हुए अपनी पीठ थपथपा रहा होता। लेकिन असली मुद्दा यह नहीं है।

असली बात यह है कि लिस्टेड कंपनियों के बारे में तमाम सूचनाएं सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं। अगर आप समझदारी से निवेश करना चाहते हैं तो इन सूचनाओं को देख-ताक कर खुद निवेश का फैसला कर सकते हैं। मैं यह बात इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आज रिश्ते ही रिश्ते, मिल तो लें’ के अंदाज में हर बिजनेस चैनल और अखबार टिप्स बांटते हैं। हर रात सोने से पहले आपको कम से कम 20 शेयरों में निवेश की सलाह मिल जाती है। अगर ‘मल्टी-बैगर’ बांटते एसएमएस और वेबसाइटों को जोड़ दें तो ऐसे ‘रिश्तों’ की संख्या 30-40 तक पहुंच जाएगी। यकीनन, आप भी मेरी तरह इतने रिश्तों से कन्फ्यूज हो जाएंगे, चुन नहीं पाएंगे।

तो, मेरा कहना है कि अगर आपको अपनी बचत का बाईपास करना है, उसे सही तरीके से निवेश करना है तो सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध सूचनाओं का इस्तेमाल करना सीखिए। किसी टिप्स के चक्कर में मत पड़िए। कंपनी के मूलभूत पहलुओं पर गौर कीजिए। मोटा-मोटी तीन-चार बातें हैं जिन पर कंपनी के कामकाज को कसिए। कंपनी की दशा-दिशा देखिए। उसके ईपीएस, बुक वैल्यू, पी/ई अनुपात पर गौर कीजिए। उद्योग की अन्य कंपनियों से तुलना कीजिए। फिर आप कितना जोखिम उठा सकते हैं, इसके परखिए। अब कम से कम 20-30 फीसदी या जितना कमाना है, इसका स्तर सोचकर निवेश कर दीजिए। कम से कम छह महीने तक उस शेयर के घटने-बढ़ने से परेशान मत होइए। हां, ध्यान रखिए ज्यादा लालच बहुत ही बुरी बला है।

अगर आप देश में सक्रिय 40-50 लाख निवेशकों (कुल डीमैट खाते – 1.72 करोड़) में हैं तो यकीनन आपके पास डीमैट एकाउंट होगा। लेकिन अगर आप इनमें नहीं शामिल हैं तो फौरन अपना डीमैट एकाउंट खुलवा लीजिए। कैसे? यह तो गुरुजी आपको ही पता लगाना होगा। इतनी छोटी-छोटी बातों के लिए औरों पर निर्भरता अच्छी बात नहीं। गूगल पर सर्च मारिए। हिंदी में नहीं तो अंग्रेजी में आपको सब पता चल जाएगा और इतनी अंग्रेजी तो आपको आती ही होगी। हां, निवेश की कला और भरोसा अपनी मातृभाषा में अभ्यास से ही मिल सकता है तो उसके लिए अर्थकाम तो मेहनत कर ही रहा है। आज के लिए इतना ही। आपका दिन चहकता-महकता बीते, यही मेरी शुभकामना है। हां, अंत में डंकन्स इंडस्ट्रीज (बीएसई कोड – 590063, एनएसई कोड – DUNCANSIND) के बारे में आप जानते ही होंगे कि यह चाय उद्योग की कंपनी है। चाय के उत्पादन में कई तरह की दिक्कते हैं। मांग के सप्लाई के ज्यादा होने के कारण चाय की कीमतें बढ़ती जा रही है। लेकिन डंकन्स में निवेश करने से पहले इतना जरूर जान लें कि कंपनी की बुक वैल्यू अभी ऋणात्मक चल रही है। यह (-) 230.98 रुपए है। तो, इसमें निवेश करने में काफी जोखिम है, इतना समझ लीजिए।

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