इस सेटलमेंट को खत्म होने में बस दो दिन बचे हैं और तेजड़ियों के लिए नए नवंबर के सेटलमेंट की जबरदस्त शुरुआत के लिए शुक्रवार से बेहतर कोई दूसरा दिन हो नहीं सकता। इधर हर बढ़त पर उनका सामना शॉर्ट सौदों से हो रहा है जो उनके लिए दिवाली गिफ्ट साबित हो रहे हैं। अगर सेटलमेंट के अंत में बाजार बढ़कर, मान लीजिए 5250 पर बंद होता है तो सारी कॉल मनी उनकी जेब में चली जाएगी और कहीं कोई शोर-शराबा भी नहीं होगा।
अगर दिवाली के दिन बुधवार, 26 अक्टूबर को निफ्टी 5350 या 5400 पर ट्रेड हुआ तो इस सेटलमेंट का अंत 5250 पर होना पक्का है। वैसे भी उस्ताद लोग कैश सेटलमेंट की प्रणाली का दोहन तभी कर सकते हैं, जब इस बार निफ्टी ऊपर पहुंच जाए क्योंकि ज्यादातर ट्रेडरों ने शॉर्ट सौदे कर रखे हैं और 5170 के ऊपर पहुंचते ही अपने-आप शॉर्ट कवरिंग शुरू हो जाएगी। तब टेक्निकल स्तर पर लॉन्ग की कॉल्स चलने लगेंगी। मुझे लग रहा था कि दोपहर 11 बजे के आसपास 5120.75 तक जा चुका निफ्टी आज 5170 तक पहुंच सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। निफ्टी बंद हुआ है 0.82 फीसदी की गिरावट के साथ 5049.95 पर। मुझे उम्मीद है कि सोमवार को बाजार 5100 के ऊपर खुलेगा।
मुझे यह भी लग रहा है कि तेजड़ियों के लिए बल्ले-बल्ले होने जा रही है क्योंकि रिजर्व बैंक ब्याज दरों से वृद्धि का सिलसिला रोक सकता है। 25 अक्टूबर को दोपहर से पहले इसका ऐलान हो जाएगी। ऐसा कुछ होने पर अभी जिस तरह बड़े पैमाने पर शॉर्ट पोजिशन बनी हुई है, उसकी शॉर्ट कवरिंग होने लगेगी और तेजी को नई गति मिल सकती है।
एसबीआई में मजबूती का सिलसिला जारी है। 5 अक्टूबर को 1708.55 रुपए तक जाने के बाद अब तक 12 कारोबारी सत्रों में यह 14 फीसदी बढ़कर 1948.60 रुपए पर पहुंच चुका है। समझदार निवेशकों ने जरूर इससे नोट बनाए होंगे। जरा गिनिए, दो हफ्ते में 14 फीसदी रिटर्न सालाना आधार पर कितना होता है? इस बीच सरकार ने बड़े साफ अंदाज में रेटिंग एजेंसियों की खिंचाई कर दी है। एसबीआई पर मूडीज के डाउनग्रेड के बारे में वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस फैसले में कोई पारदर्शिता नहीं है, जबकि क्रिसिल की रिपोर्ट को जान-बूझकर अफरातफरी फैलानेवाला बताया गया है। क्रिसिल ने बुधवार क एक रिपोर्ट में कहा था कि राज्य बिजली बोर्डों को एसबीआई द्वारा दिए गए 56,000 करोड़ रुपए के ऋण फंस सकते हैं।
इसलिए एनालिस्ट ही नहीं, रेटिंग एजेंसियों तक की बात को फेस-वैल्यू पर नहीं लिया जा सकता क्योंकि उनकी निष्पक्षता संदिग्ध है। हमें उनके कदमों के पीछे के स्वार्थ को समझने की समझ पैदा करनी होगी। अगले हफ्ते दिवाली के त्योहार के बीच आपसे फिर मिलते हैं। इस बीच एस्कोर्ट्स मेरी तरफ से आप सभी के लिए दिवाली का तोहफा है। आज यह 1.28 फीसदी बढ़कर 79.30 रुपए पर बंद हुआ है। पिछले साल 11 नवंबर 2010 को यह 245.95 रुपए पर था। क्रॉम्प्टन ग्रीव्स पर भी नजर रखिए। इसके नए प्रबंध निदेशक लॉरेंट डेमोटियर ने इसे अपने उद्योग की सरताज बनाने की बात कही है। यह स्टॉक भी अपने 52 हफ्तों के न्यूनतम स्तर के आसपास डोल रहा है।
जब तक कोई इंसान समझता है कि उनके पिता सही थे, तब तक आमतौर पर उसका बेटा हो चुका होता है जो समझता है कि उसका बाप एकदम गलत है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)