2जी स्पेक्ट्रम आवंटन संबंधी मामले में रुइया की अगुवाई वाले एस्सार समूह के लिए बड़ी राहत की बात है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) ने भी दूरसंचार मंत्रालय के इस निष्कर्ष की पुष्टि कर दी है कि 2जी मोबाइल सेवाओं के लिए लाइसेंस हासिल करते समय एस्सार समूह की लूप टेलिकॉम कंपनी में कोई सीधी हिस्सेदारी नहीं थी।
दूरसंचार विभाग (डॉट) के अनुरोध पर इस मामले की विस्तार से जांच के बाद एमसीए ने हाल में अपने निष्कर्ष से डॉट को अवगत करा दिया है। कंपनी विभाग ने इस बात की तस्दीक की है, ‘‘लूप टेलीकाम ने एकीकृत सेवा लाइसेंस (यूएएस) के लिए जिस समय आवेदन किया था उस समय एस्सार समूह की उसमें कोई सीधी हिस्सेदारी नहीं थी। समूह की अप्रत्यक्ष हिस्सेदारी जरूर थी। पर वो 9.99 फीसदी से कम थी जो लाइसेंस के दिशानिर्देशों के तहत स्वीकृत सीमा में है।’’
इससे पहले, दूरसंचार राज्यमंत्री गुरदास कामत ने अप्रैल में राज्यसभा में अमर सिंह के एक सवाल पर अपने जवाब में कहा था कि सरकार ने लूप में एस्सार समूह की हिस्सेदारी के कारण लाइसेंस शर्त के उल्लंघन के आरोपों की जांच की थी। पर ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि कंपनी ने एक से अधिक कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी न होने की शर्त का कोई उल्लंघन किया है।
लाइसेंस की शर्तों के अनुसार कोई कंपनी किसी एक दूरसंचार सर्किल में एक ही तरह की सेवा देने वाली एक से अधिक कंपनी में दस फीसदी या उससे ऊपर की हिस्सेदारी नहीं ले सकती।