इस बार औसत बारिश नहीं होने की आशंका निजी मौसम निगरानी संस्था स्काईमेट ने भी जताई है। उसका आकलन है कि इस बार मानसून सामान्य नहीं, बल्कि उससे कमज़ोर रहेगा और बारिश औसत की 94% ही हो सकती है। ऐसा अल-निनो के चलते होगा। इसके असर से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में काफी कम बारिश होगी और सूखे के हालात बन सकते हैं। नतीज़तन, खरीफ की फसलों पर बुरा असर पड़ेगा। धान से लेकर मोटे अनाज और दालों का उत्पादन घट जाएगा। कृषि क्षेत्र की विकास दर कम रहेगी। इसका भरपूर असर देश की समूची अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा क्योंकि इसमें अब भी कृषि का योगदान 15% के आसपास है। सवाल उठता है कि हमारा सरकारी मौसम विभाग अल-निनो को छिपा क्यों रहा है? अब मंगलवार की दृष्टि…
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