नए साल में हम सभी देशवासियों को अर्थव्यवस्था पर और भी ज्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है क्योंकि जल्दी ही बहुत सारे ऑप्टिक्स के साथ अनार व फुलझड़ियां छूटनेवाली हैं। कल सरकार की तरफ से पेश पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक मार्च 2025 तक हमारी अर्थव्यवस्था का आकार सतही या नॉमिनल स्तर पर ₹3,24,11,406 करोड़ का हो सकता है जो प्रति डॉलर 85.76 रुपए की मौजूदा विनिमय दर से करीब 3.78 ट्रिलियन डॉलर बनता है। विश्व बैंक के 17 दिसंबर 2024 को अपडेट डेटा के मुताबिक साल 2023 में जर्मनी 4.52 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी, जापान 4.20 ट्रिलियन डॉलर के साथ चौथी और भारत 3.56 ट्रिलियन डॉलर के साथ पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था रही है। अगर इस साल हमारी अर्थव्यवस्था किसी भी तिमाही में नॉमिनल स्तर पर 10.5% बढ़कर 4.18 ट्रिलियन डॉलर की हो गई और जापान थोड़ा घट गया तो चौथे नंबर पर आने पर नगाड़ों का इतना शोर मचेगा कि कान फट जाएंगे। लेकिन इस दौरान अगर डॉलर 87 से 91 रुपए तक हो गया तो सारा नगाड़ा फट सकता है। इससे बचने के लिए आयात की तुलना में निर्यात का जमकर बढ़ना ज़रूरी है। लेकिन जब स्विटज़रलैंड जैसा देश भारत का सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा छीन ले रहा है, तब क्या ऐसा हो भी पाएगा? अब बुधवार की बुद्धि…
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