मोदी सरकार प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री या वाणिज्य मंत्री नहीं, बल्कि अफसरों व सरकारी सूत्रों के हवाले दम भर रही है कि वो 75 देशों को ट्रम्प से मिली 90 दिन की मोहलत में भारत के व्यापारिक हितों की न केवल रक्षा कर लेगी, बल्कि होड़ में चीन, बांग्लादेश, वियतनाम व इंडोनिशिया जैसे तमाम देशों को मात दे देगी। हालांकि दबे स्वर से उसे मानना पड़ रहा है कि ट्रम्प के टैरिफ दबाव से भारत में न केवल अमेरिका के कृषि उत्पादों और सैन्य साज़ोसामान की बाढ़ आ सकती है, बल्कि चीन, वियतनाम व इंडोनेशिया जैसे देश अमेरिका जानेवाला माल यहां डम्प कर सकते हैं। भारत सरकार के पास इस स्थिति से निपटने की कोई नीति, नीयत या ठोस तैयारी नहीं है। हमारे वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ‘सही तथ्यों’ व ‘सच्ची तस्वीर’ के आधार पर व्यापार वार्ता की बात भर करते हैं। इतिहास गवाह है कि भारत कभी भी निर्यात में मौके का फायदा नहीं उठा पाया है। मसलन, वित्त वर्ष 2000-01 से 2023-24 के बीच दुनिया के अपैरल या परिधान निर्यात में भारत का हिस्सा 3% पर अटका रहा, जबकि इसी दौरान बांग्लादेश ने अपना हिस्सा 2.2% से बढ़ाकर 9.6% और वियतनाम ने 1% से बढ़ाकर 5.8% कर लिया। इन देशों ने अधिकांश बढ़त 2010 के बाद हासिल की, जब इस बाज़ार चीन का हिस्सा 34.8% से घटकर 29.8% पर आ गया था। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...