उधर ऊर्जित पटेल ने भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर पद से इस्तीफा दिया, इधर सरकार ने दो दिन बाद ही 12 दिसंबर 2018 को वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव रह चुके शक्तिकांत दास को गवर्नर बना दिया।  तब तक दास की आर्थिक व वित्तीय मामलों की उतनी ही समझ थी जितनी आईएएस की तैयारी और वित्त मंत्रालय में सेवा देते हुए हासिल की थी। अन्यथा उन्होंने इतिहास व पब्लिक एडिमिनिस्ट्रेशन में ही एमए कर रखाऔरऔर भी

रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से ऊर्जित पटेल का इस्तीफा देना कोई सामान्य घटना नहीं थी। भारत के केंद्रीय बैंक के आठ दशक से ज्यादा के इतिहास में यह पहली घटना थी, जब किसी गवर्नर ने बीच कार्यकाल में इस्तीफा दिया था। उनका तीन साल का कार्यकाल 4 सितंबर 2019 को खत्म होना था। लेकिन उन्होंने इसके नौ महीने ही इस्तीफा दे दिया। पटेल ने मात्र 88 शब्दों के अपने इस्तीफे में इसकी वजह व्यक्तिगत बताई थी।औरऔर भी