कहीं पर अंधेरा तो कहीं पर उजाला नहीं
2023-11-08
हर तरफ उजाला हो। सार्वजनिक जीवन के सभी क्षेत्रों में पारदर्शिता हो। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का आगाज़ हो चुका है। क्या चुनावों के धन में पारदर्शिता है? क्या राजनीति में जवाबदेही है? इन सवालों का शेयर बाज़ार से सीधा तो नहीं, लेकिन घुमा-फिराकर रिश्ता बनता है। राजनीतिक चंदों में जब तक पारदर्शिता नहीं होगी, जब तक वहां कालाधन आता रहेगा, तब तक शेयर बाज़ार में भावों के साथ खेल व धोखा चलता रहेगा और बाज़ारऔरऔर भी