केंद्र सरकार द्वारा रिजर्व बैंक की सचित निधि पर हाथ साफ करना न केवल अनैतिक, बल्कि देश के वित्तीय स्थायित्व के लिए भी घातक है। शुक्र है कि साल 2008 जैसा वैश्विक वित्तीय संकट दोबारा नहीं आया। बिमल जालान समिति ने तय किया था कि 3 जून 2018 तक रिजर्व बैंक के पास मुद्रा व स्वर्ण पुनर्मूल्यांकन रिजर्व खाते में जो 6.91 लाख करोड़ रुपए पड़े हैं, उसे सरकारी पहुंच से दूर रखा जाए तो सरकार लाखऔरऔर भी