अपने यहां चुनाव धन लुटाने का महोत्सव होता है। मतदाताओं से लेकर कार्यकर्ताओं को लुभाने, बहकाने और खींचने के लिए धन पानी की तरह बहाया जाता है। यही वजह है कि चुनावों के बाद उपभोक्ता साजोसामान से लेकर टू-व्हीलर जैसी कंपनियों की भी बिक्री बढ़ जाती है। सत्ताधारी पार्टी की यह भी कोशिश रहती है कि इस दौरान महंगाई न बढ़े। शायद यही वजह है कि इस साल अप्रैल के बाद अब तक पेट्रोल-डीजल के दाम नहींऔरऔर भी