कुछ लोगों के पास बहुत सारा सस्ता धन आता जा रहा हो और आर्थिक गतिविधियां ठहरी पड़ी हों तो वह धन उत्पादक कामों में लगने के बजाय सटोरिया गतिविधियां में लग जाता है। अमेरिका, यूरोप व जापान जैसे देशों से निकलता ऐसा लगभग शून्य ब्याज वाला धन पिछले दिनों बिट-कॉयन जैसी क्रिप्टो मुद्राओं में सट्टेबाज़ी करने लगा। वहां एकबारगी झटका लगा तो कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद वह पलटकर दोबारा भारत जैसे शेयर बाज़ारों की तरफऔरऔर भी