साबित हो गई अर्थव्यवस्था में श्रम की महत्ता
दो साल से जारी कोरोना संकट का सबक सरकारों से लेकर समाज, अर्थव्यवस्था और अवाम के लिए यकीनन अलग-अलग हो सकता है। लेकिन हर खास-ओ-आम के लिए सोचने-समझने की बात है कि ऐसा क्या है जिसने सारा चक्का जाम कर दिया। पूंजी का बहना जारी है। लग रही है, निकल रही है। शेयर बाज़ार झमाझम। बिक्री और रोजमर्रा की खपत जारी है। मशीनें सलामत हैं, फैक्ट्रियां बरकरार है। रुका है तो जन और श्रम का प्रवाह। श्रमिकऔरऔर भी