ट्रेडिंग में सफलता के पांच मूल सवाल
शेयर बाज़ार के ट्रेडर को सफलता के लिए जिन पांच बुनियादी सवालों का जवाब खुद से पूछना चाहिए, वे हैं: आप खरीदने या बेचनेवाले स्टॉक्स का फैसला कैसे करते हैं; कैसे तय करते हैं कि कितना खरीदना या बेचना है; कैसे तय करते हैं कि कब खरीदना या बेचना है; घाटे में फंस गई पोजिशन से कब निकल जाना चाहिए; और अंतिम सवाल कि जीतनेवाली पोजिशन से कब निकल जाना चाहिए। अब आजमाते हैं बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी
निफ्टी कहीं भी जाए, इससे क्या फर्क!
निफ्टी कहीं भी जाएं, इससे न तो छोटे समय के ट्रेडर का कुछ सधता है और न ही लंबे समय के निवेशक का। निवेशक को तलाशना होता है कि बाज़ार में किसी समय दबे हुए स्टॉक्स कौन-से हैं और उनमें बढ़ने की कितनी संभावना है। वहीं, ट्रेडर को पांच बुनियादी सवालों के इर्दगिर्द ट्रेडिंग का अपना सिस्टम बनाना होता है। उसे इसके अनुशासन का पालन करना चाहिए और किसी की नहीं सुननी चाहिए। अब मंगलवार की दृष्टि…औरऔर भी
आसमां से ज़मीं या ज़मीं से आसमां!
अपनी ज़िंदगी हमें काफी कुछ समझ में आती है। उसकी आर्थिक स्थिति भी बखूबी समझ में आती है क्योंकि उसे हम अपनी ज़मीन, अपने धरातल पर खड़े होकर देखते हैं। पर, कोई देश की अर्थव्यवस्था की बात करे तो सब कुछ सिर के ऊपर से गुज़र जाता है क्योंकि हम उसे आसमां से देखते हैं। अगर हम उसे भी अपनी ज़मीन से खड़े होकर देखें तो शायद सब कुछ अपनी ज़िंदगी की तरह साफ-साफ दिखने लगेगा। यहऔरऔर भी
झांसे में आए तो समझो गए काम से
नया साल शुरू और ब्रोकर से लेकर एनालिस्ट व शेयर बाज़ार के ‘ठग’ तक सभी लंबी फेंकने लगे। जबरदस्त कमाई का झांसा। कोई कहता है कि निफ्टी साल भर में 9400 तक पहुंच जाएगा तो कोई 9800 का स्तर बता रहा है। 15% से लेकर 20% कमाई की गारंटी। जीडीपी बढ़ेगा, एफआईआई आएंगे। चाहे कुछ हो जाए, बाज़ार पक्का चढ़ेगा। इसलिए चढ़ जा बेटा सूली पर, भला करेंगे राम। लेकिन आप फंसना नहीं। अब सोम का व्योम…औरऔर भी
लक्ष्य मिला, पर मंज़िलें और भी हैं
नया साल। नए संकल्प। पुराना साल बहुत कुछ सिखाकर गया। उसके सबक याद रखते हुए आगे बढ़ते जाना है। अपनी सोच को व्यापक व स्वावलंबी बनाना है। इधर, ब्रोकरों ने मौका ताड़कर तमाम सलाहें ढेल दी हैं जो उनके काम की तो हैं, अपने नहीं। अगर हमने निवेश का स्वतंत्र सिस्टम विकसित नहीं किया तो पुरानी गलतियां बार-बार करेंगे। तथास्तु में आज ऐसी कंपनी जो पहला लक्ष्य पाने के बाद नई मंज़िल की ओर बढ़ रही है…औरऔर भी