भिन्न-भिन्न ट्रेडरों के अलग रहते फ्रेम
चार्ट पर समय के हर फ्रेम में आपको दिख जाएगा कि सामान्यतः किस भाव पर पहुंचते ही खरीद या बिक्री बढ़ जाती है। इंट्रा-डे ट्रेडर अमूमन 1-5 मिनट, 30 मिनट या घंटे का चार्ट देखते हैं। स्विंग, मोमेंटम या पोजिशनल ट्रेडर साप्ताहिक चार्ट में घुसने-निकलने का स्तर देखते हैं, दैनिक चार्ट से स्टॉप-लॉस की गणना करते हैं और 30 मिनट के चार्ट से एंट्री की माफिक रेंज तय करते हैं। चलिए अब करते हैं शुक्रवार का अभ्यास…औरऔर भी
चार्ट के कम से कम तीन फ्रेम तो देखें
हम एक्स-रे कराने जाएं तो अस्पताल एक कोण से नहीं, कई कोण से एक्स-रे रिपोर्ट बनाता है ताकि डॉक्टर सही स्थिति को कायदे से समझ सके। इसी तरह जब हम किसी शेयर के स्वभाव व चाल को चार्ट पर समझना चाहते हैं तो उसे समय के एक फ्रेम में देखना पर्याप्त नहीं। स्विंग/मोमेंटम ट्रेडर तीन फ्रेम का इस्तेमाल तो करते ही हैं। ये हैं – 30 मिनट दो हफ्ते, दैनिक व साप्ताहिक चार्ट। अब गुरुवार की दशा-दिशा…औरऔर भी
समझना अतीत की चाल अलग-अलग
ट्रेडिंग करते हुए हम अतीत में पैठकर बाज़ार की दिशा तय करनेवाली शक्तियों की मनोदशा समझने की कोशिश करते हैं ताकि उनकी भावी चाल समझ सकें। एक पैर अतीत में, एक पैर भविष्य में। देखने-समझने को हमारे पास अतीत ही होता है। इस अतीत के तीन हिस्से हैं। एक अभी से 20 दिन, दूसरा 50 दिन से एक साल और तीसरा है कम से कम पांच साल का। शॉर्ट, मीडियम व लॉन्ग टर्म। अब बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी
समय खराब हो तो ट्रेडिंग से दूरी भली
शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग व निवेश में मनचाहा परिणाम हासिल करना है तो हमें समय का बड़ा ध्यान रखता पड़ता है। मसलन, अगर हर तरफ निराशा छाई हो, नकारात्मक खबरों का ही बोलबाला हो तो उस समय हमारे या आप जैसे रिटेल ट्रेडर को छोटी अवधि की ट्रेडिंग से दूर रहना चाहिए और उन कंपनियों में पोजिशनल या लंबे समय का निवेश करना चाहिए, जिनके शेयर मजबूती के बावजूद गिरे पड़े हों। अब परखें मंगल की दृष्टि…औरऔर भी
ट्रेडिंग में हर दिन साधें हम समय को
गुजरे समय में देखो तो लगता है कि वो कर लिया होता तो कितना अच्छा होता। अपनी गलतियां देखना और सुधारना बड़ा आसान दिखता है। लेकिन आज और अभी जिस पल में हम खड़े हैं, उसमें पैर टिकाकर भविष्य को देखना बड़ा मुश्किल होता है और गलतियों की आशंका को खत्म नहीं किया जा सकता। ट्रेडिंग में हमें हर दिन यही काम करना होता है। इसके लिए समय को साधना बड़ा ज़रूरी है। अब सोमवार का व्योम…औरऔर भी