सच्ची देशभक्ति इसमें है कि देश के बाहरी दुश्मनों की संख्या न्यूनतम करते हुए व्यापक अवाम के हित में देश में उपलब्ध प्राकृतिक व मानव संसाधनों का अधिकतम उपयोग कैसे पक्का किया जाए। जैसे, भारत के पास दुनिया में दूसरी सबसे ज्यादा कृषियोग्य भूमि है। लेकिन हमारी कृषि की उत्पादकता चीन व अमेरिका की आधी भी नहीं है। इसे सही कर देने से कृषि में छिपे अवसर खुल जाएंगे। तथास्तु में आज कृषि से जुड़ी एक कंपनी…औरऔर भी

क्या फंडामेंटल्स से ट्रेडिंग पर फर्क पड़ता है? बाजार की दशा-दिशा सटीक मालूम हो तो क्या इतने से ही ट्रेडिंग से कमाई की जा सकती है? इसका स्पष्ट जवाब है: नहीं। कारण, ट्रेडिंग में कमाई का वास्ता महज बाज़ार या स्टॉक के भावों की दिशा से नहीं, बल्कि माकूल समय पर घुसने और बाहर निकलने से है। ट्रेन्ड जोर पकड़े, उससे पहले उसे पकड़ना और ट्रेन्ड पलटे, उससे पहले निकलना ज़रूरी है। अब करें शुक्रवार का अभ्यास…औरऔर भी

नोटबंदी को अब व्यापक स्तर पर एक नाकाम आर्थिक प्रयोग माना जाने लगा है। इससे काला धन, आतंकवाद, जाली नोट व भ्रष्टाचार में से किसी भी समस्या का हल नहीं निकला है। उलटे, इससे अर्थव्यवस्था में आधे से ज्यादा का योगदान दे रहे सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों की कमर टूट गई है। इनमें काम करनेवाले करीब 27 लाख मजदूर बेरोज़गार हो गए हैं। देश के आर्थिक फंडामेंटल कमज़ोर पड़ गए हैं। अब देखें गुरु की दशादिशा…औरऔर भी

बात बड़ी साफ है। भले ही तमाम जानकार कह रहे हों कि नोटबंदी से भारतीय जीडीपी एक-डेढ़ प्रतिशत घट सकता है। लेकिन इस माहौल में भी ट्रेडिंग से कमाने के मौके निकल सकते हैं। बाज़ार का हाल तो निफ्टी और सेंसेक्स जैसे सूचकांक बताते हैं। लेकिन उनसे बाहर सैकड़ों ऐसे शेयर हैं जो स्वतंत्र चाल से चलते हैं। उनकी अलग चाल को पकड़ लिया जाए तो बाज़ार में बराबर कमाया जा सकता है। अब बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी