उलझा बाज़ार, सुलझे तो सुलझे कैसे!
दोस्तों! आज गुरुनानक जयंती के अवसर पर बाज़ार बंद है तो सोचा, क्यों न ट्रेडिंग के चिंतन व कर्म से जुड़ी कुछ मूलभूत बातों को दोहरा लिया जाए। वैसे, आपने गौर किया होगा कि हर सप्ताह इस कॉलम के लेखों का पहला पैरा एक ही थीम को आगे बढ़ाता है। इसे पढ़ने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की ज़रूरत नहीं। हमारा लक्ष्य है कि वित्तीय बाज़ार में दिलचस्पी रखनेवाले सामान्य पाठक भी ट्रेडिंग की मूल बातों से परिचितऔरऔर भी