क्या हम-आप जैसे सामान्य निवेशक सही स्टॉक्स के चयन में लंबी-चौड़ी टीम के साथ काम कर रहे किसी म्यूचुअल फंड के कम से कम एमबीए पढ़े फंड मैनेजर की बराबरी कर सकते हैं? शायद नहीं। लेकिन म्यूचुअल फंड में होने के नाते उसकी जो मजबूरियां हैं, हम उनसे मुक्त भी हैं। स्कीम का एनएवी (शुद्ध आस्ति मूल्य) बराबर बनाकर रखना। निवेश निकालने वाले कॉरपोरेट निकायों व बड़े निवेशकों की मांग पूरी करना। सबसे बड़ी मुश्किल म्यूचुअल फंडऔरऔर भी

भावुक किस्म के जीव हैं हम। सजीव क्या, निर्जीव चीजों तक से मोह पाल लेते हैं। साल-छह महीने भी साथ रह लिए तो छोड़ते वक्त गला भर आता है। पर दुनियादारी के लिए यह भावुकता भली नहीं।और भीऔर भी

दुनिया की हथियार लॉबी बहुत पहले ही बेनकाब हो चुकी है। साफ हो चुका है कि अमेरिका से लेकर यूरोप तक में हथियारों के धंधे के लिए क्या-क्या करतब किए जाते हैं। लेकिन अब भारत में भी देशभक्ति, त्याग और बलिदान के पीछे सेना में चल रहा गोरखधंधा उजागर होता जा रहा है। और, इसका श्रेय जाता है दो महीने बाद 31 मई को रिटायर हो रहे थलसेना अध्यक्ष जनरल वी के सिंह को। जनरल वी केऔरऔर भी

मैंने कहा था कि सेंसेक्स अगले कुछ सत्रों में 500 अंक बढ़ जाएगा। 250 अंक तो वो पहले ही बढ़ चुका था और आज ही एनएवी के चलते 300 से ज्यादा अंकों की बढ़त उसने और ले ली। यह कोई करिश्मा नहीं, पहले से तय था। इसका श्रेय डेरिवेटिव सौदों में कैश सेटलमेंट की व्यवस्था को दिया जाना चाहिए। आईएफसीआई जैसे स्टॉक को पहले तोड़कर 39.5 रुपए तक ले जाया गया और वापस 42.5 रुपए पर पहुंचाऔरऔर भी

1977 में दो कर्मचारियों से शुरू करनेवाली केरल की कंपनी वी-गार्ड इंडस्ट्रीज अब 1300 से ज्यादा कर्मचारियों की कंपनी बन चुकी है। पहले केवल वोल्टेज स्टैबलाइजर बनाती थी। अब पम्प, मोटर, इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर, सोलर वॉटर हीटर, केबल, सीलिंग फैन व डिजिटल यूपीएस तक बनाती है। पहले अकेली इकाई कोयंबटूर में थी। अब इसकी चार उत्पादन इकाइयां हैं। दो कोयम्बटूर में, एक उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में और एक हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले में। देशऔरऔर भी

जो लोग कहीं किसी कोने में सिमटकर रहना चाहते हैं, उनके लिए यह दुनिया हमेशा छोटी बनी रहेगी। लेकिन जो लोग खुलकर जीना चाहते हैं, उनके लिए हर दिन चलें, तब भी एक ज़िंदगी छोटी पड़ जाती है।और भीऔर भी

सरकार रक्षा उद्योग में संयुक्‍त उद्यम परियोजनाओं और लघु व मझोले उद्यमों (एसएमई) की भागीदारी को बढ़ावा देगी। गुरुवार को नई दिल्‍ली में डेफएक्‍स्पो इंडिया-2012 के उद्घाटन के अवसर पर रक्षा राज्‍यमंत्री डॉ. एम एम पल्‍लम राजू ने यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि सरकार रक्षा उद्योग क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है और इस बात के लिए भी प्रतिबद्ध है कि सशस्‍त्र सेनाएं नवीनतम उपकरणों और हथियारों से लैस हों। राज्यमंत्री का यह बयानऔरऔर भी

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 29 फरवरी 2012 तक राज्यों को 6992.44 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है, जबकि 31 मार्च 2012 को खत्म हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष में इस योजना के लिए कुल बजट प्रावधान 7729.24 करोड़ रुपए का था। इस तरह 11 महीनों में लक्ष्य का 90.5 फीसदी ही हासिल किया जा सका है। 2007-08 से लेकर अब तक किसी भी साल बजट में तय रकम पूरी तरह नहीं जारी कीऔरऔर भी

गुरुवार को डॉलर के सापेक्ष रुपए की विनिमय दर में करीब 1.2 फीसदी का झटका लगा है। बुधवार को एक डॉलर की विनिमय दर 50.775/785 रुपए थी, जबकि गुरुवार को यह 51.39/40 रुपए पर पहुंच गई। यह 12 दिसंबर 2011 के बाद किसी एक दिन में रुपए को लगा सबसे तगड़ा झटका है। विदेशी मुद्रा बाजार में इसकी दो वजहें मानी जा रही हैं। एक तो तेल आयातकों की तरफ से लगातार बढ़ रही डॉलर की मांग।औरऔर भी

केंद्र सरकार टाइड वॉटर ऑयल कंपनी में एंड्रयू यूल की इक्विटी हिस्सेदारी को बेचने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह आश्वासन भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने गुरुवार को एंड्रयू यूल के कामकाज की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में दिया। एंड्रयू यूल चाय उत्पादन में लगी सरकारी कंपनी है। उसकी 65.23 करोड़ रुपए की इक्विटी का 93.30 फीसदी हिस्सा भारत सरकार के पास है। वहीं टाइड वॉटर ऑयल में प्रवर्तक केऔरऔर भी