कच्चे तेल के बाद जिंस भी लुढ़केंगे

हम इस सेटलमेंट में निफ्टी के उच्च स्तर को अब पार कर चुके हैं। इससे 5500 पर फंसे सभी निवेशकों को निकलने की राह मिल गई है। हालांकि बहुत दूर की कौड़ी यह भी है कि इस स्तर भी लांग रहा जा सकता था। दूसरी तरफ निफ्टी नीचे में 5185 तक चला गया। यह फिसलन इतनी तेज थी कि ट्रेडर लगातार बेचते हुए अपनी औसत लागत घटाते रहे ताकि वह 5300 पर आ जाए। फिर भी बाजार 5540 पर आ गया। इसका मतलब यह है कि शॉर्ट कवरिंग से मुनाफा कमाने का मौका तभी मिल सकता है जब बाजार फिर से गिरकर 5300 तक चला जाए, नहीं तो उनके पास घाटा उठाने या घाटे को रोलओवर करने के अलावा कोई चारा नहीं होगा।

मंदड़ियों को अभी तक बाजार के बढ़ने पर यकीन नहीं आया है। वे मानते हैं कि यह जबरदस्ती का उछाल है जो बुलबुले की तरफ खत्म हो जाएगा। इसलिए बहुत ज्यादा संभावना इस बात की है कि अगले दो महीनों में हम निफ्टी में 6000 का स्तर हासिल कर सकते हैं। फिलहाल आज निफ्टी बाजार खुलने के कुछ समय बाद ही 5560 के एकदम करीब पहुंच गया। उसके बाद नीचे-नीचे चलने के बाद फिर बढ़त बनाए हुए है।

इनफोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), एसबीआई और मारुति ने तो अभी तक अपना रंग दिखाया ही नहीं है। उनके रंग में आते ही निफ्टी बहुत आसानी से 6000 के ऊपर चला जाएगा। कल मंदड़ियों ने निफ्टी के पुट ऑप्शन में 70 लाख शेयरों का सौदा किया है जिसका मतलब है कि वे शॉर्ट सौदों में फंस गए हैं। साथ ही 5700 पर कुछ कॉल ऑप्शंस बेचे गए हैं। यह दिखाता है कि बाजार को बहुत जल्द 5700 की तरफ जाना है।

खैर, कच्चे तेल का उबाल अब खत्म हो चुका है। वह आनेवाले महीनों में गिरकर 75 डॉलर प्रति बैरल तक आ सकता है। खाद्य मुद्रास्फीति का भी यही हाल होनेवाला है क्योंकि एनसीडीईएक्स में आवश्यक जिंसों में ओपन इंटरेस्ट टूटता हुआ दिख रहा है। कच्चे तेल की कीमत घटने का मतलब होगा पेट्रोल व डीजल का सस्ता होना। यह अर्थव्यवस्था, बैंकिंग व ऑटो सेक्टर के लिए काफी शुभ होगा। अगर ऐसा होता है तो कृषि आधारित कंपनियों के शेयरों की तेजी निश्चित रूप से ठंडी पड़ेगी, जबकि केमिकल्स के क्षेत्र में तेजी की शुरुआत होगी।

टाटा मोटर्स के डाउनग्रेड ने एफआईआई को इस स्टॉक में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका दिया है, उसी अंदाज में जैसा साल भर पहले हम भारती व आइडिया में देख चुके हैं। अब जबकि कच्चे तेल का दाम गिर रहा है तो खरीदारी का दौर खत्म होते ही टाटा मोटर्स का मूल्यांकन या रेटिंग फिर से हो सकती है।

अगले दो दिन बाजार की भावी दिशा के लिए बेहद अहम हैं। नए वलण या सेटलमेंट से नया खेल जो शुरू होना है क्योंकि हमारे यहां फिजिकल सेटलमेंट तो है नहीं।

समझदारी का मतलब है इस बात का आभास कि अभी जो चल रहा है, उसका परिणाम क्या हो सकता है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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