कोल इंडिया अब बाजार पूंजीकरण के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। उसने सालों से इस स्थान पर काबिज रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे धकेल दिया है। इस समय कोल इडिया का बाजार पूंजीकरण 2,51,296 करोड़ रुपए है, जबकि रिलांयस इंडस्ट्रीज का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 2,47,129 करोड़ रुपए ही रह गया है।
यह फर्क लगातार बाजार का किंग कहे जानेवाले रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में आई गिरावट के चलते पैदा हुआ है। रिलायंस का शेयर पिछले साल 1 नवंबर को 1187 रुपए तक पहुंचने के बाद आज, बुधवार 17 अगस्त को 751 रुपए पर पहुंच गया और बंद हुआ 754.80 रुपए पर। यह ढाई सालों में रिलायंस का सबसे निचला स्तर है। इस साल उसके शेयर करीब 29 फीसदी गिर चुके हैं। ऊपर-ऊपर कहा जा रहा है कि सरकार की तरफ से तेल उत्पादन को लेकर बढ़ा दबाव इसकी मुख्य वजह है। लेकिन जानकारों के मुताबिक इसके पीछे बड़ी खास राजनीतिक वजह है, जिसे संभालने में मुकेश अंबानी अभी तक नाकाम रहे हैं।
दूसरी तरफ कोल इंडिया अपना जलवा बिखेरती जा रही है। हालांकि 31 मई 2011 को 422.30 का शिखर पकड़ने के बाद उसका शेयर घटकर 397.85 रुपए पर आ गया है। लेकिन विशाल पूंजी आधार ने उसके बाजार पूंजीकरण को शीर्ष पर पहुंचा दिया है। इधर, एचएसबीसी ने कोल इंडिया को अपग्रेड कर न्यूट्रल से ओवरवेट की श्रेणी में डाल दिया है और इसका लक्ष्य 425 रुपए से बढ़ाकर 472 रुपए कर दिया है।