एकला चलो में क्या है!

लीक छोड़कर किसी नई राह पर अकेले चलने का फैसला कोई मुश्किल काम नहीं है। असली चुनौती उस राह पर समझदारी और दृढ़ता से चलते रहने की है। नहीं तो जिद के ठंडा पड़ते ही कदम वापस लौट जाते हैं।

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