सरकार जल्दी ही विदेश में धन छिपाकर रखनेवाले भारतीयों पर निगाह रखने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और साइप्रस जैसे देशों में आयकर कार्यालय खोलने जा रही है। ये कार्यालय संबंधित देश के कर अधिकारियों के साथ बराबर संपर्क में रहेंगे और किसी भी संदेहास्पद लेन-देन की खोज-खबर रखेंगे। इससे सरकार को कर चोरों के पनाहगार समेत अन्य देशों से गोपनीय वित्तीय सूचनाएं हासिल करने में मदद मिल सकती है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, साइप्रस, जर्मनी, फ्रांस, जापान और संयुक्त अरब अमीरात में ये कार्यालय अगले दो महीनों में काम करने लगेंगे, जबकि सिंगापुर और मॉरीशस में इस प्रकार के दफ्तर पिछले साल से ही काम करने लगे हैं। ये दफ्तर विदेशी निवेशकों की भी भारतीय कर कानून और प्रक्रियाओं को समझाने में मदद करेंगे ताकि वे उचित फैसला कर सकें।
इन कार्यालयों की देखरेख ऐसे वरिष्ठ अधिकारी करेंगे जो कर चोरी के मामलों व अंतरराष्ट्रीय कर संधियों से अच्छी तरह वाकिफ होंगे। फिलहाल आयकर विभाग को इन देशों में जांच के दौरान कई दस्तावेजों के साथ विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें अधिकारियों की समय-समय पर यात्रा शामिल है। ऐसे में इन देशों में कार्यालय होने से वित्त मंत्रालय को प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है।
सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने हाल ही में केंद्र से संभावित आयकर अधिकारियों की नियुक्ति नीति को मंजूरी दी है। इन अधिकारियों को जनवरी अंत तक नियुक्त कर दिए जाने की संभावना है। (भाषा)