कंपनियां भी हमारे-आप जैसे इंसान ही चलाते हैं तो जिस तरह अनागत का भय हमें कभी ज्योतिष तो कभी न्यूमेरोलॉजी के चक्कर में खींच ले जाता है, वैसा बहुत सारी कंपनियों के साथ भी होता है। जैसे, नाम सीधा-सा है एस डी एल्यूमीनियम। इसे पढ़ेंगे और हिंदी में लिखेंगे भी ऐसे, लेकिन अंग्रेजी में इसे कर दिया – Ess Dee Aluminium। खैर, हमें नाम से क्या, हमें तो काम से काम है। एस डी एल्यूमीनियम का शेयरऔरऔर भी

देश के तकरीबन सारे परिवार वित्तीय रूप से बीमार हैं। यह कहना है कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के निदेशक बोर्ड की इकलौती महिला सदस्य और ब्रोकर फर्म असित सी मेहता की प्रबंध निदेशक दीना मेहता का। उनके मुताबिक, “आज के दौर में महिलाओं और बच्चों को वित्तीय क्षेत्र से दूर रखना कोई भी परिवार गवारा नहीं कर सकता। अपनी बचत फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में रखने से कुछ नहीं होनेवाला क्योंकि मुद्रास्फीति आपके पैसे को खा जाती है।औरऔर भी

जेके पेपर। दस रुपए अंकित मूल्य का शेयर कल बीएसई (कोड – 532162) में 46.20 रुपए और एनएसई (कोड – JKPAPER) में 46.15 रुपए पर बंद हुआ है। शेयर की बुक वैल्यू है इसकी लगभग डेढ़ गुनी 70.78 रुपए। कंपनी का ठीक पिछले बारह महीने (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 14.13 रुपए है। यानी, यह शेयर अभी ट्रेड हो रहा है मात्र 3.27 के पी/ई अनुपात पर। वह भी तब, जब कंपनी पुरानी है, समूह जानामानाऔरऔर भी

चार महीने पहले 9 नवंबर 2010 को गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स कंपनी का जो शेयर (बीएसई – 500670, एनएसई – GNFC) 144 रुपए पर था, अब 9 मार्च 2010 को घटकर 52 हफ्ते के न्यूनतम स्तर 96.60 रुपए पर आ गया है। इस बीच ऑपरेटरों के खेल को छोड़ दें तो कंपनी के साथ सब कुछ शुभ-शुभ ही हुआ है। कम से कम ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है जो उसका शेयर करीब 33 फीसदी गिर जाए।औरऔर भी

एचटी मीडिया। देश के दूसरे सबसे ज्यादा पढ़े जानेवाले अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स और सबसे तेजी से बढ़ते हिंदी अखबार हिंदुस्तान की प्रकाशक। जुलाई 2010 से हिंदुस्तान को कंपनी ने अपनी सब्सिडियरी, हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स (एचएमवीएल) में डालकर अलग से लिस्ट करा दिया। लेकिन 77.72 फीसदी हिस्सेदारी के कारण उसके विकास का आनुपातिक लाभ इसे भी मिलता रहेगा। एचडी मीडिया के शेयर में कल अचानक काफी ज्यादा कारोबार हुआ है। बीएसई (कोड – 532662) में 35,000 केऔरऔर भी

अबन ऑफशोर (बीएसई – 523204, एनएसई – ABAN) में इधर हरकत चालू है। कल बीएसई में 3.66 फीसदी की बढ़त और औसत से दोगुने कारोबार के साथ 606.70 रुपए पर बंद हुआ है। वैसे, हफ्ते भर पहले यह 533.80 रुपए, महीने भर पहले 654.40 रुपए और ठीक साल भर पहले 8 मार्च 2010 को 1313.10 रुपए पर था जो इसका 52 हफ्ते का उच्चचम स्तर है। इसी साल 10 फरवरी 2011 को 511.15 रुपए की तलहटी पकड़औरऔर भी

लैंको इंफ्राटेक (बीएसई – 532778, एनएसई – LITL) साल 2011 की शुरुआत में 3 जनवरी को 65.55 रुपए पर था। शुक्रवार 4 मार्च को 2.76 फीसदी गिरकर 36.95 रुपए पर बंद हुआ है। वह भी तब जब 3 मार्च को सीएलएसए ने इसे ‘आउटपरफॉर्म’ की रेटिंग देते हुए खरीदने की सलाह दी है। सीएलएसए का कहना है कि उसने कंपनी की ऋणग्रस्तता की गणना की है और यह शेयर 47 रुपए तक जा सकता है। यानी, जोऔरऔर भी

नोवार्टिस फार्मा क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इंसानों से लेकर जानवरों तक की दवाएं बनाती है। 1996 में सीबा-गेगी और सैंडोज के विलय के बाद वजूद में आई। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के शहर बासेल में है। अभी कल ही मशहूर फॉर्च्यून पत्रिका में इसे दवा कारोबार में दुनिया की सबसे पसंदीदा कंपनियों में पहले नंबर पर रखा है। लेकिन इसकी भारतीय इकाई नोवार्टिस इंडिया के शेयरों पर खास चमक नहीं आई। कारण वाजिब भी लगता है क्योंकिऔरऔर भी

कोई शेयर अगर महज 4 के पी/अनुपात पर ट्रेड हो रहा हो, उसकी बुक वैल्यू ही बाजार में भाव से ज्यादा हो और अचानक उसमें वोल्यूम बढ़ जाए, वो भी बिना किसी बल्क या ब्लॉक डील के तो समझ लीजिए कि 24 कैरेट का सोना ऑपरेटरों के खोट के साथ मिलकर जेवर बनाकर पहनने लायक हो गया है। जी हां, वर्धमान टेक्सटाइल्स (बीएसई – 502986, एनएसई – VTL) का हाल इस समय ऐसा ही है। कंपनी काऔरऔर भी

बजट का डर व बुखार बीत चुका है। अब अच्छे-अच्छे सस्ते शेयरों को पकड़ने का सिलसिला शुरू किया जाए। तो, गौर कीजिएगा। हाईवे के किनारे ढाबों से लेकर शादी-ब्याज व राजनीतिक समाराहों और बिल्डिंगों के बाहर बैठे गार्ड के नीचे तक प्लास्टिक की जितनी कुर्सियां आप देखते हैं, उनमें से ज्यादातर नीलकमल लिमिटेड की बनाई होती हैं और उन पर बाकायदा नीलकमल का छापा भी लगा होता है। कंपनी प्लास्टिक के मोल्डेड फर्नीचर के अलावा क्रेट वगैरहऔरऔर भी