केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम हर तरफ से घिर गए हैं। लेफ्ट से लेकर राइट तक उनके इस्तीफे और 2जी घोटाले में उनकी भूमिका की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। सूचना अधिकार के तहत हासिल वित्त मंत्रालय द्वारा इसी साल मार्च में प्रधानमंत्री को लिखे हुए उस पत्र से बवाल मचा हुआ है जिसमें कहा गया है कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम चाहते तो पहले आओ पहले पाओ की नीति पर 2जी स्पेक्ट्रम काऔरऔर भी

मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई क़ुरैशी का मानना है कि देश में निर्वाचित सांसदों को वापस बुलाने के अधिकार पर अमल संभव नहीं है। बता दें कि हाल ही में गांधीवादी कार्यकर्ता अण्णा हज़ारे ने मांग की थी कि चुने हुए जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने का अधिकार जनता को मिलना चाहिए। इससे पहले 1974 में जयप्रकाश आंदोलन के दौरान भी जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार की मांग उठ चुकी है। मध्य प्रदेश में करीबऔरऔर भी

चीन का भ्रष्टाचार निरोधी सुप्रीम पीपुल्स प्रोक्युरैटोरेट (एसपीपी) भ्रष्ट अधिकारियों पर नजर रखने की नीति के तहत भ्रष्टाचार के मामलों में सजा पाए व्यक्तियों का एक राष्ट्रीय ऑनलाइन डाटाबेस स्थापित करेगा। एसपीपी का नया डाटाबेस इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने एसपीपी के बयान के हवाले बताया है कि यह डाटाबेस नीलामी और सरकारी खरीद प्रक्रियाओं के लिए एक नियंत्रण तंत्र के तौर पर काम करेगा। बता दें किऔरऔर भी

समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में पहुंचे केंद्रीय इस्‍पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की जमीन बनाने में जुट गए हैं। उन्होंने राज्य की बेरोजगारी और पिछ़ड़ेपन पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि उत्‍तर प्रदेश की आबादी लगभग 21 करोड़ है। लेकिन औद्यो‍गीकरण न होने से यहां के लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। राज्‍य में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए औद्योगीकरण आवश्‍यक हैऔरऔर भी

जिस देश के तीन-चौथाई से ज्यादा लोग दिन में 50 रुपए से कम में गुजारा करते हों, वहां की केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में अगर तीन-चौथाई से ज्यादा मंत्री करोड़पति हों तो एक बात तो साफ है कि यह सरकार सही मायनों में बहुमत का प्रतिनिधित्व नहीं करती। सवाल यह भी है कि केंद्र की कांग्रेस लेकर, उत्तर प्रदेश की बीएसपी, तमिलनाडु की एआईडीएके और गुजरात की बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है तो ये पार्टियां देशऔरऔर भी

केंद्र सरकार दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों के अनुरूप देश में व्यापक चुनाव सुधार के लिए विधेयक लाएगी। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन मामलों और प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री वी नारायणसामी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नारायणसामी ने पटना में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि चुनावों में धनबल और बाहुबल के प्रभाव को कम करने और अपराधियों को चुनाव प्रक्रिया से दूर करने के लिए केंद्र सरकार जल्द एक विधेयक लाने कीऔरऔर भी

देश भर में हर साल की तरह इस बार भी 14 सितम्बर को हिं‍दी दि‍वस मनाया जाएगा। इस मौके पर राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा आयोजित समारोह में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील 52 पुरस्कार बांटेंगी। ये पुरस्कार राजभाषा नीति‍ के कार्यान्‍वयन की श्रेणी के अंतर्गत सरकार के मंत्रालयों, वि‍भागों, सार्वजनि‍क उपक्रमों, राष्‍ट्रीयकृत बैंकों और वि‍त्‍तीय संस्‍थानों, स्‍वायत्‍त नि‍कायों, नि‍गमों व बोर्डों को दि‍ए जाएंगे। बता दें कि 14 सितम्बर का महत्वऔरऔर भी

टीम अण्णा देश में जन आंदोलन की नई तैयारी में जुट गई है। इस सिलसिले में अण्णा हज़ारे के गांव रालेगण सिद्धि में उनका दो दिन का जमावड़ा शनिवार से शुरू हो गया। पहले दिन की बैठक में तय हुआ है कि भूमि अधिग्रहण, चुनाव सुधार, जन प्रतिनिधियों को वापस बुलाने और उन्हें खारिज करने के अधिकार समेत सांसदों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा कराने के संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखेंगे। भूमि अधिग्रहण जैसे संवेदनशीलऔरऔर भी

संसद के दोनों सदनों राज्यसभा व लोकसभा का सत्र गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने अपने पारंपरिक संबोधन में कहा कि विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन के कामकाज के 53 घंटों का नुकसान हुआ। सभापति ने इस पर खेद जताते हुए कहा कि यह सदस्यों के अधिकार व दायित्वों केऔरऔर भी

दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए विस्फोट की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन हरकत-उल-जिहाद इस्लामी (हूजी) ने ले ली है। लेकिन माना जा रहा है कि यह अदालत को चुप कराने की कोशिश है जिसके पीछे देश की भी कुछ राजनीतिक ताकतों का हाथ हो सकता है। गौरतलब है कि अदालतों की सक्रियता के चलते ही इस समय ए राजा से लेकर सुरेश कलमाडी, जनार्दन रेड्डी और अमर सिंह जैसे नेताओं को तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछेऔरऔर भी